अखिलेश को मिली साइकिल, पढ़ें कब-कब क्या-क्या हुआ
अब अखिलेश यादव यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह दोनों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। चुनाव आयोग ने मुलायम यादव को झटका देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को साइकल चुनाव चिन्ह दे दिया है। अब अखिलेश यादव यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह दोनों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
आपको बताते हैं सपा परिवार में झगड़े की क्या है पूरी कहानी...
21 जून, 2016 : शिवपाल यादव ने माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल (कौएद) का सपा में विलय का एलान किया।
22 जून, 2016: नाराज मुख्यमंत्री अखिलेश ने कौएद के विलय में महत्वूर्ण भूमिका निभाने वाले बलराम यादव को मंत्रिमंडल से निकाला।
25 जून, 2016: अखिलेश की नाराजगी के बाद संसदीय बोर्ड की बैठक हुई और कौएद का विलय रद।
14 अगस्त, 2016: शिवपाल ने कहा अफसर बात नहीं सुनते, जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं। माफिया पर कार्रवाई नहीं हुई तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देंगे।
15 अगस्त, 2016 : मुलायम ने कहा अगर शिवपाल इस्तीफा देंगे तो पार्टी की 'ऐसी-तैसी' होगी।
12 सितंबर, 2016: अखिलेश ने भ्रष्टाचार के आरोप में गायत्री प्रजापति और राजकिशोर को मंत्रिमंडल से निकाला।
भाजपा ने यूपी के लिए 149 और उत्तराखंड के लिए 64 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की
13 सितंबर, 2016: अखिलेश ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाया।
13 सितंबर, 2016: मुलायम ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के स्थान पर शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया।
13 सितंबर, 2016 : मुख्यमंत्री अखिलेश ने चाचा शिवपाल से तीन मंत्रालय छीन लिए।
14 सितंबर, 2016 : अखिलेश ने कहा, झगड़ा परिवार का नहीं सरकार का।
14 सितंबर, 2016: अखिलेश ने कहा- कलह की वजह बाहरी लोगों का दखल, इशारा अमर सिंह की ओर था।
15 सितंबर, 2016: शिवपाल यादव ने सभी पदों से इस्तीफा भेजा, इस्तीफा वापस हुआ।
23 अक्टूबर, 2016: मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया।
23 अक्टबूर, 2016 : मुलायम ने राम गोपाल को पार्टी से निकाला।
27 दिसंबर, 2016: शिवपाल यादव ने विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची जारी की।
29 दिसंबर, 2016: अखिलेश यादव ने 235 प्रत्याशियों की अपनी सूची जारी की।
एक जनवरी, 2017: विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
एक जनवरी, 2017: मुलायम सिंह ने रामगोपाल यादव, किरन मय नंदा, नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाला।
2 जनवरी, 2017: मामला चुनाव आयोग पहुंचा।
15 जनवरी, 2017: चुनाव आयोग ने साइकिल निशान व पार्टी पर अखिलेश यादव का अधिकार बताया।