लखनऊ रेप केस: 7 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ, सवाल मांग रहे जवाब
लखनऊ। मोहनलालगंज के निर्भया कांड में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के गार्ड को गिरफ्तार तक अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस अब तक अपनी थ्योरी को सच साबित नहीं कर पाई है। घटना के सात दिन बीतने पर भी पुलिस कई उन साक्ष्यों को भी नहीं तलाश सकी है, जिन्हें आधार बताकर गार्ड रामसेवक को गिरफ्तार किया था। आरोपी की कस्टडी रिमांड खत्म होने मे
लखनऊ। मोहनलालगंज के निर्भया कांड में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के गार्ड को गिरफ्तार तक अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस अब तक अपनी थ्योरी को सच साबित नहीं कर पाई है। घटना के सात दिन बीतने पर भी पुलिस कई उन साक्ष्यों को भी नहीं तलाश सकी है, जिन्हें आधार बताकर गार्ड रामसेवक को गिरफ्तार किया था। आरोपी की कस्टडी रिमांड खत्म होने में अब कुछ घंटे बाकी हैं, लेकिन अब तक पुलिस उसकी निशानदेही पर फर्जी आइडी पर हासिल सिम व मृत महिला का मोबाइल फोन तक बरामद नहीं कर सकी है। न ही कथित राजीव के बारे में कुछ पता चल सका।
पुलिस अफसर बस दोहरा रहे हैं कि राजीव बस एक छद्म नाम था। महिला की काल डिटेल में इस नाम के किसी शख्स से उसकी बातचीत का प्रमाण नहीं मिला है। ऐसे में सवाल है कि महिला अगर राजीव को वाकई जानती ही नहीं थी, तो उसके नाम के फोन पर रात में गई क्यों। डीआइजी नवनीत सिकेरा का कहना है कि रामसेवक के बताए के अनुसार निर्माणाधीन मीनरेस्ट अपार्टमेंट में लिफ्ट के गढ्डे में भरे पानी को निकलवाने के साथ ही कीचड़ को छन्नी से छनवाकर देखा गया पर वहां फर्जी आइडी वाला सिम नहीं मिला, जिससे वह राजीव बनकर बात करता था। अब तक फर्जी सिम मामले में मुकदमा भी नहीं दर्ज कराया गया। इस बीच पता चला है कि जिस अपार्टमेंट में महिला फ्लैट देखने एक या दो बार गई थी, उसका मालिक एक वरिष्ठ मंत्री का पड़ोसी है। पुलिस ने अब तक बिल्डिंग मालिक और उसके कर्मचारियों से कोई पूछताछ करने की जरूरत नहीं समझी।
पुलिस कई दिनों की छानबीन के बाद प्राथमिक विद्यालय परिसर की झाड़ियों से मृतका का मोबाइल भी नहीं बरामद कर सकी। अब पुलिस रामसेवक के घर के पास नाले में मोबाइल तलाश रही है। रामसेवक की पत्नी का कहना है कि पुलिस को उसके पति के दूसरे सिम की काल डिटेल रिकार्ड की भी पड़ताल करनी चाहिए और उसकी लोकेशन को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
पुलिस की थ्योरी
पुलिस ने 20 जुलाई को बलसिंहखेड़ा गांव निवासी गार्ड रामसेवक को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि रामसेवक फर्जी आइडी पर लिए गए सिम से राजीव बनकर महिला से बातचीत करता था। घटना के दिन महिला फोन आने पर रात में एक टेंपो से मोहनलालगंज तक पहुंची थी। जहां बाइक पर हेलमेट लगाए रामसेवक मिला और उसे साथ लेकर बलसिंह खेड़ा गया। पुलिस टेंपो का पता नहीं लगा सकी है जिससे अपने दावे को बल दे सके।
सवाल मांग रहे जवाब
- महिला ने अपार्टमेंट में जाने के बाद किससे संपर्क किया था? किसके जरिए यहां फ्लैट देख रही थी?
- आखिर महिला देर रात अकेले टेंपो से किस मजबूरी में कथित राजीव से मिलने गई?
- कौन है राजीव, कहां है?
- कहां है फर्जी आइडी का सिम और मृतका का मोबाइल
- अब तक बिल्डिंग मालिक से पूछताछ क्यों नहीं
नमूनों की जांच कराने का आदेश
प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कमलापति ने महिला की हत्या के आरोपी गार्ड रामसेवक यादव के नाखूनों का मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष लिए गए नमूनों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजने की अनुमति का आदेश दिया। अदालत में मामले के विवेचक ने आरोपी के नाखूनों के सील नमूनों को पेश किया।
अदालत में कहा गया कि गत 21 जुलाई को आरोपी को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया गया था। उसी दिन अदालत के सामने ही आरोपी के नाखून व नाखून में लगे पदार्थ का नमूना लिया गया था। कहा गया उन नमूनों को सील करके डाकेट बनाया गया है। लिहाजा नमूनों का वैज्ञानिक पद्धति से जांच कराया जाना आवश्यक है। इस पर अदालत ने नाखूनों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजने का आदेश दिया है।