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काला धन विदेश भेजने वालों पर कसा शिकंजा,छह गिरफ्तार

बैंक आफ बड़ौदा से 5151 करोड़ रुपये हांगकांग भेजने के आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का शिकंजा कस गया है। सीबीआइ जहां भ्रष्टाचार निरोधक कानून के उल्लंघन और फर्जीवाड़े व आपराधिक साजिश रचने के आरोपी दो बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2015 03:18 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2015 03:32 AM (IST)
काला धन विदेश भेजने वालों पर कसा शिकंजा,छह गिरफ्तार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली।बैंक आफ बड़ौदा से 5151 करोड़ रुपये हांगकांग भेजने के आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का शिकंजा कस गया है। सीबीआइ जहां भ्रष्टाचार निरोधक कानून के उल्लंघन और फर्जीवाड़े व आपराधिक साजिश रचने के आरोपी दो बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत दो निर्यातकों और दो हवाला कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। ईडी के निदेशक करनैल सिंह ने जल्द ही पूरे रैकेट के पर्दाफाश का दावा किया है।

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ईडी के मुख्य प्रवक्ता राजेश्वर सिंह ने इस रैकेट के कामकाज के तरीके का खुलासा करते हुए कहा कि इसमें निर्यातक, हवाला कारोबारी और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से हजारों करोड़ रुपये हांगकांग भेजे गए थे। सबसे पहले निर्यातक अपने सामान का तीन से चार गुना कीमत दिखाकर निर्यात दिखाता था और सरकार से ड्यूटी ड्राबैक की मांग करता था। लेकिन बढ़ी कीमत पर निर्यात दिखाने के कारण हवाला कारोबारी को संबंधित देश में उतने पैसे की जरूरत पड़ती थी, जितना कीमत बढ़ाकर दिखाया गया है।

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इस जगह पर हवाला कारोबारी की जरूरत पड़ती थी, जो बैंक अधिकारियों की मदद से फर्जी नाम पते पर खोली गई कंपनियों में करोड़ों रुपये जमा करता था और बाद में उसे आयात के नाम पर एडवांस के रूप में विदेश भेज देता था। विदेश में ये पैसा निर्यातक को मिल जाता था। बदले में हवाला कारोबारियों को प्रति डालर 1.20 रुपये का कमीशन मिलता था, जिसमें से एक हिस्सा बैंक अधिकारियों को भी जाता था।

दो निर्यातक अौर दो हवाला कारोबारी पकड़े गए

ईडी ने इस मामले में दो निर्यातकों चंदन भाटिया और गुरुचरण सिंह धवन को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही दो हवाला कारोबारी कमल कालरा और संजय अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है। कमल कालरा ने बताया कि वह खुद एचडीएफसी बैंक में काम करता है और उनसे बैंक आफ बड़ौदा के अशोक विहार शाखा में 12 फर्जी कंपनियों के एकाउंट खोल रखा था। इन कंपनियों के मार्फत वह चंदन भाटिया और गुरूचरण सिंह को विदेशी मुद्रा हांगकांग भेजने में मदद करता था। चंदन भाटिया और संजय अग्रवाल के साथ मिलकर वह अब तक 850 करोड़ रुपये हांगकांग भेज चुका है। वहीं पिछले छह-सात महीने में केवल ड्यूटी ड्राबैक के रुप में गुरुचरण सिंह को 15 करोड़ रुपये मिले हैं।

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15 फर्जी खाताधारकों का खुलासा

राजेश्वर सिंह ने कहा कि अभी तक बैंक आफ बड़ौदा के 15 फर्जी बैंक खाता धारकों का पता चला है। लेकिन अन्य खाताधारकों की पहचान की जा रही है। बैंक के खाते में कुल 5151 करोड़ रुपये जमा किये थे, जिनमें 343 करोड़ रुपये नकद थे। उन्होंने कहा कि इन निर्यातकों और हवाला कारोबारियों की काली कमाई को जब्त करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। गिरफ्तार सभी चार आरोपियों को अदालत ने चार दिन के लिए ईडी के रिमांड पर भेज दिया है।

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बैंक अॉफ बड़ौदा के दो अफसर भी गिरफ्त में

दूसरी ओर, सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत बैंक आफ बड़ौदा अशोक विहार शाखा के सहायक प्रबंध निदेशक सुरेश कुमार गर्ग और विदेशी मुद्रा में लेन-देन को देखने वाले जैनिस दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआइ के अनुसार इन दोनों ने हवाला कारोबारियों को एजेंसियों की नजर में आए बिना हजारों करोड़ रुपये हांगकांग भेजने में मदद की थी। सीबीआइ इन दोनों को विशेष अदालत में पेश कर रिमांड की मांग करेगी, ताकि आगे की पूछताछ की जा सके।

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