भैसों के झुंड ने मासूमों को कुचला, तीन की मौत
शहरीकरण के मानकों को ताक पर रखने की कारगुजारी ने तीन मासूमों की जान ले ली। शास्त्रीनगर के सेक्टर बारह के एक प्लाट के भीतर से निकले भैंसों के झुंड ने दीवार गिराते हुए बगल के प्लाट में खेल रहे बच्चों को रौंद दिया। मलबे में दबने और भैंसों के
मेरठ (जागरण संवाददाता)। शहरीकरण के मानकों को ताक पर रखने की कारगुजारी ने तीन मासूमों की जान ले ली। शास्त्रीनगर के सेक्टर बारह के एक प्लाट के भीतर से निकले भैंसों के झुंड ने दीवार गिराते हुए बगल के प्लाट में खेल रहे बच्चों को रौंद दिया। मलबे में दबने और भैंसों के पैरों तले कुचलने के कारण मौके पर ही तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया, एक बच्चा गंभीर रूप से घायल है। मरने वाले सभी बच्चों की उम्र पांच साल से कम है।
नौचंदी थाने के शास्त्रीनगर सेक्टर बारह में आरटीओ नाले की पटरी पर बने कमरों में कुछ परिवार रहते हैं। इन्हीं में रहने वाले परिवारों के बच्चे आफिया (04), अल्तमस(04), बेटी फराह (05) और शाद (04) घर के पास ही खाली पड़े प्लाट की दीवार के पास खेल रहे थे। यह प्लाट आवास विकास परिषद ने प्राथमिक स्कूल के लिए आवंटित कर रखा है, फिलहाल यहां भैंसों का तबेला बना हुआ है। तबेले में फइक की भैंसे रहती हैं। फइक के नौकर भैसों को निकालने के लिए प्लाट के अंदर गए और भैंसों को बेतरतीब तरीके से हांककर बाहर लाने लगे। भैसों के झुंड दीवार तोड़ता हुआ बच्चों के ऊपर से गुजर गया। नौकर बच्चों को निकालने की बजाए, भैसों को लेकर फरार हो गए। आसपास के लोगों ने हादसे को देखकर भैसों को प्लाट में रोक लिया। मलबे के अंदर से बच्चों को निकाला तो आफिया, फराह और शाद दम तोड़ चुके थे, जबकि अल्तमस को पास के दुआ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। आक्रोशित लोगों ने हापुड़ रोड जामकर वाहनों में तोड़फोड़ की। मौके पर पहुंचे एसपी सिटी ने बल प्रयोग करते हुए जाम लगा रहे लोगों को खदेड़कर शव कब्जे में लिये। एसपी सिटी ओमप्रकाश ने बताया कि प्रथमदृष्टया बच्चों की मौत के मामले में तबेला मालिक समेत चार लोगों की लापरवाही सामने आई है।