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आवास को लेकर सियासत पर उतरे अजित सिंह

लोकसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक जमीन गवां चुके रालोद मुखिया व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह अब सरकारी आवास को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। बतौर सांसद मिले सरकारी आवास पर कब्जा बनाए रखने के लिए अजित सिंह उसे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। अजित की इस

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 18 Sep 2014 08:37 PM (IST)
आवास को लेकर सियासत पर उतरे अजित सिंह

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक जमीन गवां चुके रालोद मुखिया व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह अब सरकारी आवास को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। बतौर सांसद मिले सरकारी आवास पर कब्जा बनाए रखने के लिए अजित सिंह उसे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। अजित की इस मांग का हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने समर्थन किया है।

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इस मामले को लेकर गुरुवार को अजित समर्थको में झड़प और प्रदर्शन भी हुआ। आवास न खाली करने के कारण अजित सिंह के घर की बिजली और पानी काटने के विरोध में उनके समर्थकों और रालोद कार्यकर्ताओं ने जर्बदस्त हंगामा किया। हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले जाट वोटों का धु्रवीकरण चाह रहे हुड्डा ने अजित सिंह से सरकारी कोठी खाली करवाए जाने और बिजली-पानी के कनेक्शन काटे जाने का विरोध किया है। उन्होंने अजित सिंह को आवंटित बंगले को 'चौधरी चरण सिंह स्मृति भवन' में तब्दील किए जाने की मांग की है। इस संबंध में हुड्डा ने केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। हुड्डा के मुताबिक तुगलक रोड पर स्थित इस बंगले के साथ देश के लाखों किसानों एवं कामगारों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। यह बंगला सन् 1978 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को आवंटित हुआ था। वे न सिर्फ इस बंगले में रहे बल्कि यहीं से तमाम किसान आंदोलनों और गतिविधियों को चलाया भी था। यह स्थान किसान ट्रस्ट की गतिविधियों का केंद्र भी रह चुका है। ऐसे में इसे किसान नेता के स्मारक के रूप में परिवर्तित कर देना चाहिए।

दरअसल, लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद राजनीतिक रूप से हाशिए पर चले गए अजित के लिए यह मुद्दा मौका बनकर सामने आया है। अजित को लगता है कि चौधरी चरण सिंह के नाम पर पैदा होने वाली सहानुभूति से न सिर्फ उनका खोया जनाधार वापस हो सकेगा बल्कि राजनीतिक रूप से सक्रियता का लाभ उनको राज्यसभा की सदस्यता दिला सकता है। गौरतलब है कि अजित सिंह राज्यसभा की सदस्यता को लेकर कांग्रेस व सपा, दोनों के संपर्क में हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में राजनीतिक वजूद तलाश रही कांग्रेस को लगता है कि अजित का हरियाणा विधानसभा चुनाव में साथ लेने से उसे फायदा हो सकता है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसकी स्थिति सुधर सकती है। राजनीति में पलटी मारने में माहिर अजित सिंह पिछले 30 साल से इस बंगले में काबिज थे।

'चौधरी चरण सिंह किसानों के नेता थे। देश उनका सम्मान करता है। केंद्र सरकार को उनका मेमोरियल बनाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।' - राशिद अल्वी, कांग्रेस नेता

'जब तक मैं बंगले में रह रहा था, चौधरी चरण सिंह के सभी समर्थकों को लगता था कि यह उन्हीं का है। मैं अखिलेश यादव और हुड्डा सरकार को समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।' - अजित सिंह, रालोद अध्यक्ष

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