नन्हे धावक बुधिया सिंह के बायोपिक में स्लम निवासी मयूूर पटोले
चौथी कक्षा के छात्र मयूर पटोले को बुधिया सिंह के बायोपिक के मुख्य भूमिका के लिए चुना गया था। महज चार वर्ष की उम्र में बिना रुके 65 किलोमीटर दौड़कर बुधिया विश्व का सबसे युवा मैराथन
नई दिल्ली। चार साल की उम्र में ही 7 घंटे दो मिनट में भुवनेश्वर से पुरी तक कुल 65 किमी की दूरी तय करने वाले बुधिया सिंह के किरदार के लिए मयूर पटोले को चुना गया है जो पुणे के पार्वती स्लम का निवासी है। मयूर अपनी बहन और मां के साथ रहता है। अभी कुछ दिनों पहले ही मयूर के पिता का देहांत हो गया। उसकी मां रसोइये का काम करती है।
बुधिया सिंह पर बनी यह बायोपिक अगस्त माह में सभी थियेटरों में आ जाएगी। वियाकॉम 18 ने मैरीकॉम और भाग मिल्खा भाग, जैसी फिल्में बनायी पर इस बार इसने अपनी फिल्म के लिए प्रसिद्ध नाम नहीं चुना। पूरे देश से आए कुल 3000 बच्चों में से इस भूमिका के लिए मयूर पटोले को चुना गया है। नंदादीप एजुकेशन सोसायटी के समाज भूषण बाबूराव फुले माध्यमिक विद्यालय के कक्षा चार में पढ़ने वाला मयूर पैरामीटर पर पूरी तरह खरा उतरता है।
स्वभाव से शर्मीला मयूर प्रतिदिन आधे घंटे की दूरी तय कर स्कूल जाता है। अपने सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए उसे ट्रेनिंग भी दिया गया।
मयूर ने कहा, ’मुझे सेट पर मजा आता है। प्रैक्टिस के लिए मुझे रोजाना आधे घंटे दौड़ना होता है। मुझे सेब, दूध और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स भी मिलता है। प्रतिदिन एक अंडा भी खाने को दिया जाता है।‘