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15 अगस्त को पीएम मोदी की जान पर सबसे ज्यादा खतरा : खुफिया रिपोर्ट

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आतंकी पीएम के संबोधन में खलल डाल सकते हैं। खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा बलों को किसी भी खतरे से निपटने के लिए आगाह किया है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 04:05 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 10:20 AM (IST)
15 अगस्त को पीएम मोदी की जान पर सबसे ज्यादा खतरा : खुफिया रिपोर्ट

नई दिल्ली। इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी की जान को सबसे ज्यादा खतरा है। खुफिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि 15 अगस्त के मौके पर आतंकी संगठन किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस सिलसिले में खुफिया एजेंसियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को विस्तार से जानकारी दी है।15 अगस्त के दिन एसपीजी, एनएसजी समेत दूसरी एजेंसियों को सतर्क रहने के खास निर्देश दिए गए हैं।

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खुफिया एजेंसियों की तरफ से भाषण के दौरान पीएम के मंच को बुलेटप्रूफ छतरी से ढंकने का सुझाव दिये हैं। पिछले साल और उससे पहले भी इस तरह की व्यवस्था की गयी थी। लेकिन पीएम मोदी ने ऐन वक्त पर खुले मंच से भाषण देने की इच्छा जतायी थी। पीएम की मंशा की ख्याल करते हुये बुलेटप्रूफ सुरक्षा कवच को हटा भी लिया गया था। लेकिन पीएम की सुरक्षा के लिए लाल किले के कुछ महत्वपूर्ण जगहों पर सुरक्षा दस्तों से जुड़े लोगों की तैनाती की गयी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

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एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी इस बार शायद ही सुरक्षा एजेंसियों की व्यवस्था को ठुकराएं। वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों का कहना है कि इसके पीछे हाल ही में कश्मीर घाटी की घटना या सीमापार से घुसपैठ नहीं है, बल्कि खुफिया एजेंसियों के द्वारा कुछ ऐसी बातचीत को रिकॉर्ड किया गया है। जिसमें भाषण के दौरान पीएम पर ड्रोन से निशाना बनाया जा सकता है। कुछ हफ्ते पहले खुफिया एजेंसियों ने एसपीजी को आगाह किया था कि आतंकी संगठनों के अलग धड़े संयुक्त रूप से पीएम को निशाना बना सकते हैं। या कोई अकेला आतंकी भी पीएम पर हमला कर सकता है।

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खुफिया एजेंसियों ने आइएस और अलकायदा के गठजोड़ की भी चर्चा की और सुरक्षा एजेंसियों को आगाह किया कि पीएम की सुरक्षा में किसी तरह की खामी न रहे। बताया जाता है कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भाषण के दौरान बुलेटप्रूफ सुरक्षा कवच की व्यवस्था की गयी थी। लेकिन वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने इस परंपरा को तोड़ दिया। पीएम मोदी के अचानक सुरक्षा कवच लेने से इनकार करने के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। पीएम के सुरक्षा दस्ते में लगी एसपीजी ने स्पाटर लगा कर घेराबंदी की।

इस साल भी एसपीजी के कमांडो और स्पाटर को खास तरीके से ट्रेन किया गया है ताकि किसी तरह के आतंकी हमले को नाकाम किया जा सके। गौरतलब है कि आइएस और अल-कायदा के साथ-साथ पाकिस्तान की जमीन से संचालित आतंकी संगठनों से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खलल डालने के लिए हाथ मिला चुके हैं। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि वो पूरी तरह चौकस हैं। आतंकियों के नापाक मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।


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