डॉक्टर के हॉस्टल रूम से पैंट चुराने वाले को दो साल की सजा
16 साल पुराने इस मामले में मजिस्ट्रेट अदालत ने तमिलनाडु निवासी वी.के. राजू को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तीस हजारी अदालत ने उत्तरी दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफन अस्पताल के डाक्टर के हास्टल रूम से उनकी पैंट, घड़ी व पेजर आदि सामान चुराने वाले एक युवक को राहत देने से इंकार कर दिया है। 16 साल पुराने इस मामले में मजिस्ट्रेट अदालत ने तमिलनाडु निवासी वी.के. राजू को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। सत्र अदालत ने भी इसे बरकरार रखा है।
विशेष जज बृजेश कुमार गर्ग ने अपने आदेश में कहा कि राजू को आइसीसी की धारा- 454 (वारदात को अंजाम देने के लिए घर का ताला तोड़ना) और धारा-379 (चोरी करना) के तहत दोषी करार दिया था। धारा-454 के तहत 10 साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन मजिस्ट्रेट अदालत ने उसे पहले ही महज दो साल की सजा सुनाई है। इसी तरह धारा-379/411 (चोरी का प्रयास करना) के तहत तीन साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन दोषी को केवल एक साल कैद की सजा सुनाई गई। उसपर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
न्यायाधीश ने कहा कि उसके साथ पहले ही नरम रुख अख्तियार किया गया है। अभियोजन के मुताबिक यह वारदात नवंबर 2001 में सामने आई थी। राजू को उस वक्त रंगे हाथों दबोचा गया था जब वह डा. देवनाथ के कमरे से सामान चुराकर भाग रहा था। उसके पास एक पैंट, घड़ी व एक पेजर फोन मिला। मौके पर पहुंचे आशीष थापर नामक एक अन्य डाक्टर ने बताया कि बरामद हुआ पेजर फोन उसका है।