नाई की कैंची और थर्ड जेंडर की दुआ ने बदली तस्वीर
पंचायत सचिव की कला को देखते हुए एक म्यूजिकल बैंड भी बनाया, जो छत्तीसगढ़ी में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहा है।
नई दुनिया, रायपुर : छत्तीसगढ़ में खुले में शौचमुक्त गांव (ओडीएफ) को लेकर हो रहे प्रयोग को अब देशभर में मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य में राजनांदगांव में सामाजिक कार्यकर्ताओं व गांव की महिलाओं को स्वच्छता नवरत्न बनाकर सफलता मिली, तो जशपुर में बच्चों को अभियान में शामिल किया गया। इन बच्चों को स्वच्छता बालवीर पुरस्कार दिया गया। यह कड़ी यहीं नहीं रुकी, इसे कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आगे बढ़ाते हुए एक पत्रिका 'टीलू की टायलेट' शुरू की।
पंचायत सचिव की कला को देखते हुए एक म्यूजिकल बैंड भी बनाया, जो छत्तीसगढ़ी में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहा है। इस बैंड ने देशभर के 20 प्रदेशों से आए 160 कलेक्टरों और आइएएस अफसरों के सामने शुक्रवार को परफॉर्मेस भी दिया और जमकर वाहवाही बटोरी। डॉ प्रियंका शुक्ला ने नईदुनिया को बताया कि टुकुन कार्टूनिस्ट ने बच्चों को जागरू क करने के लिए एक पत्रिका की शुरुआत की है।
इस पत्रिका का विमोचन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किया। डॉ. शुक्ला ने कहा कि गांव में बच्चों की छव्वाटोली बनाई गई है। बच्चे सुबह सात से नौ बजे तक गांव में घूमकर स्वच्छता गीत सुनाते हैं और शौचालय बनवाकर उपयोग करने का निवेदन करते हैं।
अब हर दस किलोमीटर पर कम्यूनिटी टॉयलेटहिमाचल प्रदेश के लाहौल स्फिति के कलेक्टर विवेक भाटिया ने बताया कि ग्रामीणों को खुले में शौचमुक्त के लिए महिला मंडल, कला जत्था का सहारा लिया गया। दूरसंचार के साधनों का भी इस्तेमाल किया गया। जिले में सबसे बड़ी दिक्कत गांव में घर दूर-दूर हैं और यहां टॉयलेट निर्माण लागत डेढ़ से दो गुना ज्यादा आती है।
थर्डजेंडर को किया ट्रेंड, दुआ के साथ दे रहे संदेश
उत्तर प्रदेश के गोंडा कलेक्टर आशुतोष रंजन ने बताया कि गांव के लोगों को जागरू क करने के लिए थर्ड जेंडर के लोगों को ट्रेंड किया गया। ये लोग बच्चे के पैदा होने, शादी होने और अन्य शुभ कार्यो में गांव में जाते हैं और इनके पास पूरे गांव का डाटा रहता है। ये लोगों से अपील करते हैं कि अपने घर में शौचालय बनवाएं, उनके लिए यही सबसे बड़ा तोहफा रहेगा।
अखबार में नाम छपवाने की धमकी दी तो बनाया टॉयलेट
हरियाणा के पंचकूला की डिप्टी कमिश्नर डॉ. गरिमा मित्तल ने बताया कि जिले की 128 में से 121 ग्राम पंचायतें ओडीएफ हो गई हैं। अब उनके जिले में लोगों को खुले में शौच की तरफ वापस जाने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब प्रशासन का फोकस सस्टेनिबिलिटी पर है।
उन्होंने बताया कि 12 गांवों में दिक्कत आ रही थी। एक बार पंचायत के लोगों को यह चेतावनी दी गई कि उनके नाम को अखबार में छपवा दिया जाएगा, उसके बाद वहां कोई रिश्ता भी करने नहीं आएगा। इससे डरकर लोगों ने जल्द ही टॉयलेट बनवाना शुरू कर दिया है।
शौचालय न होने पर नाई ने मना किया बाल काटने सेमध्यप्रदेश के रतलाम कलेक्टर बी चंद्रशेखर ने बताया कि पिछले दो महीने में 16 गांव ओडीएफ हुए हैं। प्रशासन ने नाई के साथ मिलकर नया प्रयोग किया। शौचालय नहीं बनवाने वाले व्यक्ति के घर के किसी भी सदस्य का बाल काटने से सभी नाई ने मना कर दिया । इसके बाद गांव के लोगों ने शौचालय बनवाना शुरू किया।