Move to Jagran APP

International Men’s Day 2018: भारत में पुरुष विकास मंत्रालय की मांग

,MeToo के बाद इसके जवाब में अक्टूबर 2018 में बेंगलुरू के 15 पुरुषों ने ,ManToo आंदोलन की शुरूआत की। इसका मकसद महिलाओं से प्रताड़ित पुरुषों की सुरक्षा करना है।

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 04:24 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 10:55 PM (IST)
International Men’s Day 2018: भारत में पुरुष विकास मंत्रालय की मांग
International Men’s Day 2018: भारत में पुरुष विकास मंत्रालय की मांग

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। आज International Men’s Day (विश्व पुरुष दिवस) है, यानी मर्दों का दिन। क्या आप जानते हैं, ये दिन किस लिए मनाया जाता है। नहीं तो, इसका जवाब है कि ये दिन पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है। सुनने में थोड़ा सा अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। महिलाओं की तरह पुरुष भी असमानता का शिकार होते हैं।

loksabha election banner

आपको अब भी यकीन नहीं हो रहा तो जरा इन आंकड़ों पर नजर डालें। पूरी दुनिया में होने वाली कुल आत्महत्यों में 76 फीसद पुरुष होते हैं। पूरी दुनिया में 85 फीसद बेघर लोग पुरुष हैं। इतना ही नहीं पूरी दुनिया में होने वाली हत्याओं में 70 फीसद आबादी पुरुषों की होती है। यहां तक कि घर की चारदिवारी के भीतर, यहां पुरुष प्रधान माना जाता है वहां भी घरेलू हिंसा के शिकार लोगों में 40 फीसद संख्या पुरुषों की है।

InternationalmensDay.com वेबसाइट के अनुसार पूरी दुनिया में महिलाओं से तीन गुना ज्यादा पुरुष आत्महत्या करते हैं। प्रत्येक तीन में से एक पुरुष घरेलू हिंसा का शिकार होता है। पुरुषों की औसत आयु महिलाओं से कम है। इसलिए अमूमन महिलाओं से चार-पांच साल पहले ही पुरुषों की मौत हो जाती है। पुरुष सख्त दिल माने जाते हैं, लेकिन महिलाओं के मुकाबले दिल के मरीज पुरुषों की संख्या दोगुनी है।

यहीं वजह है कि 19 नवंबर को पूरे विश्व में इंटरनेशनल मेन्स डे मनाया जाता है। हर बार इसकी अलग-अलग थीम रखी जाती है। इस बार के मेन्स डे की थीम पॉजिटिव मेल रोल मॉडल्स रखी गई है। भारत में भी वर्ष 2007 से इंटरनेशनल मेन्स डे मनाया जा रहा है। भारत में इसकी शुरूआत पुरुषों के अधिकार के लिए लड़ने वाली संस्था सेव इंडियन फैमिली ने की थी। इसके बाद ऑल इंडिया मेन्स वेलफेयर एसोसिएशन ने भारत सरकार के सामने मांग रखी कि देश में महिला विकास मंत्रालय की तरह ही पुरुष विकास मंत्रालय बनाया जाए, जो पुरुषों से जुड़े मुद्दों, उनकी समस्याओं और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करे।

पहले फरवरी में मनाया जाता था मेन्स डे

अमेरिका स्थित मिसौर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थॉमस योस्टर के प्रयास पर पहली बार 7 फरवरी 1992 को अमेरिका, कनाडा और यूरोप के कुछ देशों ने अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया था। धीरे-धीरे ये चलन अन्य देशों में भी फैला और फिर साल 1995 से कई देशों ने फरवरी महीने में पुरुष दिवस मनाना बंद कर दिया। इसके बाद विभिन्न देशों ने अपने-अपने हिसाब से पुरुष दिवस मनाना जारी रखा। 1998 में त्रिनिदाद एंड टोबेगो में पहली बार 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया। इसका सारा श्रेय डॉ. जीरोम तिलकसिंह को जाता है। उन्होंने इसे मनाने की पहल की और इसके लिए 19 नवंबर का दिन चुना। इसी दिन उनके देश ने पहली बार फुटबॉल विश्व कप के लिए क्वालिफाई करके देशों को जोड़ने का काम किया था। उनके इस प्रयास के बाद से ही हर साल 19 नवंबर को दुनिया भर के 60 देशों में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और यूनेस्को भी उनके इस प्रयास की सराहना कर चुकी है।

#MeToo की तर्ज पर #ManToo भी

हाल के दिनों में महिलाओं के शोषण के खिलाफ शुरू किया गया #MeToo अभियान काफी सुर्खियों में रहा। इस दौरान बहुत सी महिलाओं ने पुरुषों पर आरोप लगाए। उनके आरोप कितने सही हैं या कितने गलत, ये जांच का विषय है, लेकिन सालों बाद लगाए गए आरोपों पर की सवाल भी खड़े हुए। एक सवाल ये भी खड़ा हुआ कि क्या पूरी दुनिया में पुरुष ही महिलाओं का शोषण कर रहे हैं। इसको लेकर लोगों की अलग-अलग राय है। पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आ चुके है, जिसमें किसी महिला द्वारा पुरुष का शोषण, उत्पीड़न, दुष्कर्म या हिंसा जैसी वारदात की गई। #MeToo के बाद इसके जवाब में अक्टूबर 2018 में बेंगलुरू के 15 पुरुषों ने #ManToo आंदोलन की शुरूआत की। इस #ManToo अभियान के तहत इन लोगों ने महिलाओं के हाथों अपने उत्पीड़न की कहानी को सोशल मीडिया पर शेयर किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.