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ये कैसा कुदरत का इंसाफः कहीं बूंद-बूंद को तरसते लोग तो कहीं पानी में डूबते

कभी-कभी ऊपर वाला भी इंसाफ करने में गलती कर देता है, जहां देश के ज्यादातर इलाके पानी में डूबे हुए हैं वहीं एक इलाका ऐसा भी है जहां लोग एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 03:48 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2016 04:37 PM (IST)
ये कैसा कुदरत का इंसाफः कहीं बूंद-बूंद को तरसते लोग तो कहीं पानी में डूबते

नई दिल्ली, वेब डेस्क। देश के कोने-कोने में बारिश हो रही है, कुछ जगहों पर तो हालात बद से बदतर हो गए हैं लेकिन देश का एक हिस्सा ऐसा भी है जो बारिश से महरूम है और वो हिस्सा है महाराष्ट्र का लातूर। यहां पर लोग एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं।

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यहां पर ऐसे हालात हैं कि लोगों को पानी ट्रेन से पहुंचाया जा रहा है जिसका नाम जलदूत है। इस ट्रेन का 100वां चक्कर लातूर में कल शाम को पहुंचा है।

ये प्रकृति का कैसा नियम है कहीं तो इतना पानी दे दिया कि लोग डूब रहे हैं, घर डूब रहे हैं और कहीं लोग पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार सामान्य से एक फीसद ज्यादा बारिश हुई है लेकिन लातूर में हालात वही हैं वहां पर लोग पानी की एक बूंद को तरस रहे हैं।

हालांकि जून के महीने में लातूर में बारिश हुई थी लेकिन जहां पर भयंकर सूखा हो वहां पर इस बारिश से क्या होगा। इलाके के 814 से ज्यादा बांध सूखे पड़े हैं। 11 सिंचाई योजनाओं में से 9 तो सूख चुकी हैं।

अगर बात करें दूसरे इलाकों की तो उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम जैसे राज्यों में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। तो वहीं उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, सहित 10 राज्य भारी बारिश की चपेट में हैं। बिहार में बाढ़ से अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 10 हजार से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं असम के 21 जिलों में बाढ़ की वजह से 20 लोगों की मौत हो गई और 17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं।

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