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वाहनों के सस्ते होने की उम्मीद बनी

जीएसटी काउंसिल ने वैसे कम प्रदूषण करने वाले वाहनों पर भी टैक्स लगाने का प्रावधान किया है जो कई ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों के गले नहीं उतर रहा है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 09:29 PM (IST)Updated: Fri, 19 May 2017 09:29 PM (IST)
वाहनों के सस्ते होने की उम्मीद बनी
वाहनों के सस्ते होने की उम्मीद बनी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । जीएसटी की दर देश के ऑटोमोबाइल उद्योग की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरी उतरी हैं। सभी तरह के वाहनों पर जीएसटी की दर मौजूदा दर के मुकाबले 1.2 फीसद से 12.3 फीसद कम होगी। यानी उद्योग जगत पर कम बोझ पड़ेगा। इसका दूसरा मतलब यह भी हुआ कि बाजार में वाहनों की कीमतों में के कम होने की सूरत बनेगी। हालांकि अभी तक किसी कंपनी ने यह नहीं कहा है कि वह टैक्स बोझ घटने का फायदा ग्राहकों को देंगे। जीएसटी काउंसिल ने वैसे कम प्रदूषण करने वाले वाहनों पर भी टैक्स लगाने का प्रावधान किया है जो कई ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों के गले नहीं उतर रहा है।

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रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की तरफ से जीसीटी पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक दोपहिया व तिपहिया वाहनों पर जीएसटी की प्रभावशाली दल 28 फीसद होगी जबकि अभी तक तमाम तरह के दरों को मिला कर ये उद्योग संयुक्त तौर पर 30.2 फीसद बतौर टैक्स दे रहा था। यानी 2.2 फीसद कम कर बोझ। इसी तरह से चार मीटर से कम लंबी कारों पर मौजूदा कर बोझ 30.2 फीसद है जबकि नई दर 29 फीसद होगी। मझोली कारों पर तमाम करों का मौजूदा बोझ 47.3 फीसद है और जीएसटी की नई दर 43 फीसद रखी गई है। क्रिसिल की रिपोर्ट बताती है कि 1500 सीसी से ज्यादा क्षमता की बड़ी कारों के लिए मौजूदा दर 49 फीसद है और जीएसटी काउंसिल ने 43 फीसद की प्रभावशाली दर सुनिश्चित की है। साफ है कि इस वर्ग में कारों की कीमतों में छह फीसद तक कम होने की सूरत बनी है।

सबसे ज्यादा फायदा बड़े स्पो‌र्ट्स यूटिलिटी व्हिकल्स वर्ग में होता दिख रहा है। अभी एसयूवी वाहनों की कीमत में 55.3 फीसद हिस्सा तमाम करों का होता है। जबकि इस पर अब 43 फीसद कर ही देना होगा। यानी सीधे तौर पर 12.3 फीसद कम कर देना होगा। एसयूवी भारत में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ कार बाजार है। पिछले चार-पांच वर्षो से इसकी बिक्री में लगातार 20 से 35 फीसद तक का इजाफा हो रहा है। तमाम बड़ी कार कंपनियां नए एसयूवी मॉडल उतारने की तैयारी में है।

अब इनकी कीमत कम होगी जिससे बाजार और तेजी से बढ़ेगा। वाणिज्यिक वाहन उद्योग पर अभी 30.2 फीसद का कर बोझ है जो नई व्यवस्था में घट कर 28 फीसद रह जाएगा। ऑटोमोबाइल कंपनियों के सबसे बड़े संगठन सियाम के अध्यक्ष विनोद दसारी ने कहा है कि, सभी वर्गो में करों के बोझ को घटाया गया है जो हमारी उम्मीदों के मुताबिक है। इससे देश में वाहनों की मांग बढ़ेगी। हालांकि उन्होंने हाईब्रिड वाहनों पर ज्यादा कर लगाने का उन्होंने विरोध किया है।

देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हुंडई के निदेशक (सेल्स व मार्केटिंग) राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि जीएसटी का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पूरे देश में कारों की कीमतों में बहुत अंतर नहीं होगा जिससे कार कंपनियों के लिए रणनीति बनाना आसान होगा। अभी स्थानीय करों की वजह से एक राज्य से दूसरे राज्य में कारों की कीमतों में काफी अंतर हो जाता है।


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