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मस्तिष्क में ही छिपा है मोटापे का राज

विज्ञानियों ने मस्तिष्क में ऐसी कोशिकाओं का पता लगाया है जो मोटापा रोकने में मदद कर सकती हैं। जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विज्ञानियों ने बताया कि ये कोशिकाएं मानसिक गतिविधियों व भोजन संबंधी आदतों के बीच कड़ी का काम करती हैं। ये भोजन की इच्छा व आवश्यकता

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Fri, 18 Mar 2016 05:48 PM (IST)Updated: Fri, 18 Mar 2016 05:53 PM (IST)
मस्तिष्क में ही छिपा है मोटापे का राज

नई दिल्ली: विज्ञानियों ने मस्तिष्क में ऐसी कोशिकाओं का पता लगाया है जो मोटापा रोकने में मदद कर सकती हैं। जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विज्ञानियों ने बताया कि ये कोशिकाएं मानसिक गतिविधियों व भोजन संबंधी आदतों के बीच कड़ी का काम करती हैं। ये भोजन की इच्छा व आवश्यकता की नियंत्रक भी हैं।

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प्रयोग चूहे पर किया गया। शोध ओजीटी एंजाइम पर आधारित है। यह एक जैविक उत्प्रेरक है जो इंसुलिन और रक्त संरचना समेत शरीर की कई क्रियाओं में शामिल है। अगला प्रयोग मानव पर किया जाएगा, कामयाब रहा तो मोटापा कम करना या रोकना संभव हो पाएगा, संभावना है कि नई दवाएं भी बाजार में दिखाई दें।

भोजन संबंधी व्यवहार:

अनुसंधानकर्ता प्रोफेसर रिचर्ड हगेनिर ने कहा, हमने प्रयोगशाला में चूहे के मस्तिष्क में जो कोशिकाएं खोजीं वे भोजन संबंधी व्यवहार को नियंत्रित करती हैं। शोध साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ। इसमें ऐसे प्रोटीन पर भी अध्ययन किया गया जो मस्तिष्क कोशिकाओं के गुणसूत्री संयोजन या विभिन्न हिस्सों को कमजोर अथवा ताकतवर बनाता है।

मस्तिष्क के खास हिस्से:

शोध इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसका मस्तिष्क के खास हिस्सों हिप्पोकैम्पस और बाहरी आवरण( कोर्टेक्स)की कोशिकाओं के गुणसूत्री संयोजन से सीधा संबंध है। इसके अलावा मस्तिष्क के उस भाग(हिपोथेलामस) का भी गहन अध्ययन किया गया जो शरीर के तापमान, भोजन व पाचन संबंधी क्रिया व नींद को नियंत्रित करता है। ओजीटी एंजाइम का मुख्य कार्य एक अणु(मोलिक्यूल) एन-एसिटिलग्लूक सामाइन(ग्लूकोज का ही एक रूप) को प्रोटीन में मिलाना है।

कोशिकाएं हटाई, वजन बढ़ा

प्रयोग के दौरान विज्ञानियों ने ओजीटी एंजाइम की संवाहक कोशिकाओं को वयस्क चूहे के मस्तिष्क से हटा दिया। इसके तीन सप्ताह के बाद ही वसा के कारण चूहे का वजन दोगुना हो गया। एक अन्य शोधकर्ता डॉ ओलोफ लागेर्ल ने बताया कि ओजीटी की अनुपस्थिति के कारण चूहे की यह अनुमान लगाने की क्षमता प्रभावित हुई कि उसे कितना भोजन करना चाहिए। उसने हर बार अधिक समय तक और अधिक कैलोरी का भोजन किया।

ओजीटी का महत्व

प्रोफेसर हगेनिर ने बताया कि शोध से यही निष्कर्ष निकला कि ओजीटी ही स्नायु तंत्र और भोजन प्रक्रिया का संजाल दुरुस्त रखता है। इसके संवाहक सेल भोजन लेने या अधिक भोजन न लेने के संदेश मस्तिष्क के अन्य हिस्सों को भेजते हैं। कमजोर गुणसूत्री संयोजन से संदेश भेजने का काम शिथिल हो जाता है और भोजन के साथ मोटापा भी बढ़ता जाता है।


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