Move to Jagran APP

मणिपुर चुनाव के केंद्र में आर्थिक नाकेबंदी का मुद्दा

राज्य में 1 नवंबर 2016 से यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी की हुई है। यह बंद राज्य के जिलों का बंटवारा कर सात नए जिले बनाने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में आहूत किया गया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 16 Feb 2017 06:28 PM (IST)Updated: Thu, 16 Feb 2017 06:41 PM (IST)
मणिपुर चुनाव के केंद्र में आर्थिक नाकेबंदी का मुद्दा
मणिपुर चुनाव के केंद्र में आर्थिक नाकेबंदी का मुद्दा

इंफाल, प्रेट्र : पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में विधानसभा चुनाव आर्थिक नाकेबंदी के मुद्दे के इर्द-गिर्द घूम रहा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां चुनाव में इसे भुनाने की कोशिश में लगी हैं। राज्य में 4 और 8 मार्च को दो चरणों मतदान होना है।

loksabha election banner

राज्य में 1 नवंबर 2016 से यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी की हुई है। यह बंद राज्य के जिलों का बंटवारा कर सात नए जिले बनाने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में आहूत किया गया है। नाकेबंदी से राज्य की जीवनरेखा कहे जाने वाले एनएच 2 और एनएच 37 पूरी तरह बंद हैं। राज्य में ईधन और अन्य रोजमर्रा की चीजों की आपूर्ति भी बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। वहीं राज्य सरकार जिलों के विभाजन और नए जिलों के गठन से प्रशासनिक कार्यक्षमता बढ़ने की बात कही है।

CM के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए BJP ने दिया 36 करोड़ का ऑफर: इरोम

सत्तारूढ़ कांग्रेस ने बंद के लिए प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पर भी निशाना साधा है। उसका आरोप है कि भाजपा ने यूएनसी के साथ मिलकर नाकेबंदी की है। वहीं भाजपा का कहना है कि ओकराम इबोबी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने जान-बूझकर जिलों का बंटवारा किया है। वह पहाड़ी और घाटी के मतदाताओं को बांटना चाहती है। कांग्रेस हालात को सामान्य नहीं होने देना चाहती। राज्य भाजपा प्रमुख के. भबानंद सिंह ने कहा कि 15 साल के शासन के बाद कांग्रेस को अपनी हार का भय था। इसीलिए चुनाव जीतने के लिए उसने बंटवारे की यह राजनीति खेली।

इरोम शर्मिला और इबोबी ने भरा पर्चा

मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम सिंह इबोबी ने गुरुवार को विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन भरा। उन्होंने थोबल सीट से पर्चा भरा। राज्य में अफस्पा के विरुद्ध 16 साल तब अनशन करने के बाद राजनीति में उतरीं इरोम शर्मिला ने उन्हें चुनौती देते हुए इसी सीट से नामांकन भरा है। इरोम ने पिछले साल अगस्त में अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करके राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी।

मणिपुर एक असफल राज्य, भावनात्मक एकता की जरूरतः एनपीपी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.