दरोगा ने ही बार वालों से पिटवाया पत्रकार को
मुंबई से सटे मीरा रोड में शुक्रवार को हुए पत्रकारों पर हमला और राघवेंद्र दुबे नाम के पत्रकार की हत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। हमले में घायल पत्रकार संतोष मिश्र का कहना है कि घटनास्थल पर मौजूद दरोगा दिवाकर ने ही बार कर्मियों को उन पर
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई से सटे मीरा रोड में शुक्रवार को हुए पत्रकारों पर हमला और राघवेंद्र दुबे नाम के पत्रकार की हत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। हमले में घायल पत्रकार संतोष मिश्र का कहना है कि घटनास्थल पर मौजूद दरोगा दिवाकर ने ही बार कर्मियों को उन पर हमले के लिए उकसाया था। मीरा रोड पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है। अब तक छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
संतोष के अनुसार, बृहस्पतिवार की देर रात वह और दो अन्य पत्रकार मीरा रोड स्थित वाइट हाउस बियर बार में छापे की खबर सुनकर रिपोर्टिंग के लिए गए थे। उस समय वहां मीरा रोड पुलिस थाने के पुलिस उप निरीक्षक दिवाकर और एक हवलदार मौजूद थे।
जब पुलिस बार मालिक गणेश कामत और उसके साथियों को गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठा रही थी, उस समय उन्होंने मोबाइल फोन से कामत की फोटो लेनी चाही। जिससे नाराज कामत ने संतोष पर कुछ फेंक कर वार किया।
उसके बाद होटल के बाहर मौजूद बार के कर्मचारियों ने तीनों पत्रकारों पर हमला कर दिया। खुद पर हमला होते देख तीनों भागने लगे, मगर संतोष को बार कर्मियों ने पकड़ लिया और मारते हुए बार के करीब तक ले गए।
उस समय बार के बाहर दिवाकर मौजूद थे। उन्होंने बार के लोगो से कहा कि इसे बार के अंदर ले जाकर मारो। जिसके बाद बार कर्मी संतोष को बार में ले जाकर सुबह छह बजे तक पिटाई करते रहे। बाद में संतोष को एक नीली कार में बैठा कर मुंबई - गुजरात हाईवे की तरफ ले गए।
इसी बीच पत्रकार राघवेंद्र दुबे की हत्या की खबर फैल गई। वे संतोष को वापस मीरा रोड लाए और एक जगह गाड़ी से उतारकर भाग गए। संतोष के अनुसार, वे उनकी भी हत्या करना चाहते थे लेकिन संभवत: राघवेंद्र की हत्या के बाद मचे हंगामे से डरकर उन्हें जि़ंदा छोड़ दिया।
जिस बार में यह हमला हुआ, वहां से छापे में 12 महिलाएं छुड़ाई गई थीं। पत्रकारों पर हमले एवं एक की हत्या की घटना को लेकर शुक्रवार को विधान परिषद में भी हंगामा हुआ था।