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मैनचेस्टर हमले का असर पीएम मोदी की विदेश यात्रा पर पड़ने के आसार

भारत में जर्मनी के राजदूत मार्टिन ने का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और जर्मनी के बीच पूरी सहमति है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 10:00 PM (IST)
मैनचेस्टर हमले का असर पीएम मोदी की विदेश यात्रा पर पड़ने के आसार
मैनचेस्टर हमले का असर पीएम मोदी की विदेश यात्रा पर पड़ने के आसार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सोमवार की रात ब्रिटेन के मैनचेस्टर इलाके में हुए आतंकवादी हमले का असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सोमवार से शुरू हो रही विदेश यात्रा पर भी पड़ने के आसार हैं। प्रधानमंत्री 29 मई से जर्मनी, स्पेन और रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। पूर्व योजना के मुताबिक, उनकी जर्मनी व स्पेन यात्रा के दौरान तो कारोबार पर ज्यादा ध्यान देने की तैयारी थी, जबकि रूस यात्रा के दौरान ज्यादा फोकस रणनीतिक व कूटनीति पर रहना था। लेकिन मैनचेस्टर हमले के बाद आतंकवादी गतिविधियों का नया भय पैदा हुआ है। मोदी की इन देशों के प्रमुखों के साथ होने वाली वार्ता पर इसका असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। खास तौर पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मोदी की द्विपक्षीय वार्ता में आतंक के खिलाफ सहयोग अब शीर्ष वरीयता में रहेगा।

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भारत में जर्मनी के राजदूत मार्टिन ने का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और जर्मनी के बीच पूरी सहमति है। दोनों देश आतंकवाद से पीडि़त हैं। पहले से ही दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सूचनाएं साझा करने का करार है। आतंकवाद का खतरा दिनोंदिन बढ़ते जाने से मोदी और मर्केल के बीच द्विपक्षीय बातचीत में यह मुद्दा काफी अहम रहेगा। इसके अलावा रक्षा सहयोग पर भी दोनों देशों के बीच अहम समझौता होने के आसार हैं। हाल ही में जर्मनी ने कहा है कि वह भारत के साथ सरकार के स्तर पर रक्षा खरीद समझौता करने को तैयार है। इस पर किस तरह से आगे बढना है यह दोनों नेताओं की वार्ता से तय होगा।

सनद रहे कि जर्मनी पहले से ही भारत को अपना अहम रणनीतिक साझीदार मानता है और एशिया में शांति स्थापना में भारत को मजबूत बनाने की बात भी करता है। जर्मनी भारत के एनएसजी में शामिल होने का भी समर्थक है और उम्मीद है कि मोदी इस बारे में भी मर्केल से बात करेंगे।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इन तीनों देशों के शीर्ष नेताओं के साथ और अन्य द्विपक्षीय वार्ताओं में भी आतंकवाद का मुद्दा पहले से उठता रहा है। मैनचेस्टर हमले से साफ हो गया है कि इसका खतरा पहले से बढ़ गया है। आतंकवाद से जुड़ी हर तरह की सूचनाओं का आदान-प्रदान करना पहले से भी ज्यादा जरूरी हो गया है।

मोदी और पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता में आतंकवाद पहले से ही एजेंडे में शीर्ष पर है। दोनों नेताओं के बीच भारत में पाक समर्थित आतंक के अलावा अफगानिस्तान में तालिबान की भूमिका पर भी चर्चा होनी है।

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