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गांव और गरीब पर होगा आगामी बजट का फोकस

अर्थव्यवस्था में निवेश का माहौल बनाने व घरेलू मांग बढ़ाने के साथ ही आगामी बजट का फोकस गरीब और नौजवानों पर होगा।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 08:34 AM (IST)
गांव और गरीब पर होगा आगामी बजट का फोकस

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो । अर्थव्यवस्था में निवेश का माहौल बनाने व घरेलू मांग बढ़ाने के साथ ही आगामी बजट का फोकस गरीब और नौजवानों पर होगा। इसके लिए स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया और ग्रामीण आवास जैसे कार्यक्रमों के बजट में खासी वृद्धि हो सकती है। आम बजट 2016-17 में कुल योजनागत आवंटन में 10 से 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रलय ने विभिन्न विभागों और मंत्रलयों के साथ उनके योजनागत आवंटन तय करने के संबंध में 16 सितंबर को चर्चा शुरू की थी। विभागवार हुई इन बैठकों का पहला दौर पूरा हो गया है। इस चर्चा के आधार पर मंत्रलयों के योजनागत आवंटन में 10 से 15 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है।

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सरकार की रणनीति दुतरफा है। पहली, मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निवेशकों को नीतियों जरिये प्रोत्साहित किया जाएगा। दूसरी रणनीति यह है कि जो भी वित्तीय संसाधन केंद्र के पास उपलब्ध हैं, उन्हें न्यायसंगत तरीके से गांव और शहर के गरीबों के लिए आवंटित करना है। चालू वित्त वर्ष 2015-16 में योजनागत आवंटन 4,65,277 करोड़ रुपये था। कौशल विकास का बजट 1,500 करोड़ रुपये था। इसी तरह डिजिटल इंडिया के लिए भी 2510 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। मनरेगा मांग आधारित कार्यक्रम है इसलिए इसके बजट में मामूली वृद्धि की जा सकती है। इसी तरह गंगा की सफाई के लिए चलाए जा रहे नमामि गंगे कार्यक्रम के बजट में भी वृद्धि की जा सकती है।

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मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में इसके लिए 2,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चालू वर्ष में स्वच्छ भारत के लिए 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसमें भी अच्छी खासी वृद्धि होने की संभावना है। इस बीच केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने आगामी आम बजट में अप्रत्यक्ष करों में बदलाव के संबंध में उद्योग जगत से सुझाव मांगे हैं।


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