शिक्षा के अधिकार एक्ट की पहली लाभार्थी सुमन भाटी 82 फीसद अंकों से उत्तीर्ण
आरटीई की पहली लाभार्थी ने 12वीं बोर्ड की परीक्षा 82 फीसद अंकों से उतीर्ण की है।
राकेश प्रजापति, नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा वर्ष 2010 में लागू किए गए शिक्षा के अधिकार एक्ट की पहली लाभार्थी सुमन भाटी 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 82 फीसद अंक से उत्तीर्ण हुई हैं। अरूणा नगर (मजनूं का टीला) की रहने वाली सुमन भाटी को 2010 में दूसरी बार छठी कक्षा में फेल होने के बाद स्कूल प्रशासन ने निकाल दिया था।
उसी समय शिक्षा का अधिकार कानून लागू हुआ जिसके तहत 6-14 साल तक के किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जा सकता। सुमन का रिजल्ट 27 मार्च को आया था और 1 अप्रैल 2010 को आरटीई कानून लागू हुआ। कानून का हवाला देने के बाद भी स्कूल प्रशासन ने बच्ची को पढ़ाई जारी रखने की इजाजत नहीं दी थी। इसपर अभिभावकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने आरटीई एक्ट के तहत स्कूल को बच्ची की पढ़ाई जारी रखने का निर्देश दिया। इस तरह सुमन देश में पहली ऐसी बच्ची बनी जिसे शिक्षा के अधिकार कानून का लाभ मिला। इसके बाद स्कूल ने सुमन को कक्षा में बैठने दिया और उसने 12वीं तक की सभी परीक्षाएं बिना फेल हुए उत्तीर्ण की। सुमन ने 12वीं कॉमर्स से पास की है और लॉ कॉलेज की प्रवेश परीक्षा भी पास कर चुकी हैं। उसकी कामयाबी पर पिता नरेश भाटी ने कहा अगर यह कानून न होता तो शायद वह आज इस पल से महरूम रह जाते।
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