नेताजी की फाइलें उजागर न करने के सरकारी फैसले से परिवार दुखी
सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने कहा है कि नेताजी की मौत से संबंधित फाइलें सार्वजनिक करने में असमर्थता जताने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने जो तर्क दिए हैं वे फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मामले में खुद दखल देने
नई दिल्ली। सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने कहा है कि नेताजी की मौत से संबंधित फाइलें सार्वजनिक करने में असमर्थता जताने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने जो तर्क दिए हैं वे फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मामले में खुद दखल देने को लेकर परिवार को आवश्स्त किया था। बोस ने कहा कि यदि सरकार ने ऐसा नहीं किया तो देशभर में जनविद्रोह हो जाएगा।
गौरतलब है कि नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए सूचना के अधिकार कानून (आरटीआइ) के तहत अर्जी दायर की गई है। इस पर सुनवाई के दौरान पीएमओ ने नेताजी से जुड़ी फाइलें होने की बात कुबूल की। लेकिन साथ ही सीआइसी को बताया कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए इसे जारी नहीं किया जा सकता।
पीएमओ ने इसके लिए आरटीआइ कानून की धारा 8(1)(ए) का भी हवाला दिया। इसके तहत सरकार को ऐसे मामलों को गोपनीय रखने का अधिकार है जिससे देश की संप्रभुता व अखंडता, सुरक्षा, वैज्ञानिक व आर्थिक हित और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रभावित होने की आशंका हो।
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