दिल्ली हाई कोर्ट बिल राज्यसभा में पास
दिल्ली हाई कोर्ट के काम के बोझ को कम करने वाले विधेयक को बुधवार को राज्यसभा ने पास कर दिया। दिल्ली हाई कोर्ट संशोधन बिल के लोकसभा से भी पास होने के बाद यह हाई कोर्ट सिर्फ दो करोड़ रुपये से ऊपर के दीवानी मामलों की ही सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट के काम के बोझ को कम करने वाले विधेयक को बुधवार को राज्यसभा ने पास कर दिया। दिल्ली हाई कोर्ट संशोधन बिल के लोकसभा से भी पास होने के बाद यह हाई कोर्ट सिर्फ दो करोड़ रुपये से ऊपर के दीवानी मामलों की ही सुनवाई करेगा। इससे कम राशि के मामलों को पहले जिला अदालतों में ले जाना होगा।
राज्य सभा में कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि इस कानून के पारित होने से दिल्ली हाई कोर्ट पर न सिर्फ मुकदमों का बोझ कम होगा, बल्कि लोगों को तेजी से न्याय भी मिल सकेगा। अभी मुकदमों के भारी बोझ की वजह से हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबे समय तक इंतजार करना होता है। इस संशोधन के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित 60 हजार मामलों में से 12 हजार को जिला अदालतों में हस्तांतरित किया जा सकेगा। इसी तरह मुकदमे की वजह से लोगों को हर बार हाई कोर्ट तक जाने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। इसकी बजाय वे अपने पास के जिला अदालत में ही इसकी पैरवी कर सकेंगे।
मौजूदा कानून के मुताबिक, 20 लाख रुपये से अधिक के मामलों में भी उच्च न्यायालय के दरवाजे खटखटाए जा सकते हैं। उससे कम के ही मामलों को जिला अदालतों में लाया जाता है। दिल्ली में 11 जिला अदालतें काम कर रही हैं, जबकि तीन जल्द ही शुरू की जानी हैं। संशोधन पारित होने के बाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चाहें तो ऐसे लंबित मामलों को संबंधित जिला अदालतों के हवाले कर सकते हैं। नए मामलों के लिहाज से तो यह नियम लागू होंगे ही।
इस दौरान जद (यू) सांसद केसी त्यागी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच शुरू किए जाने की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किए जाने का मामला भी उठाया।