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नोटबंदी: चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र ने सरपंचों से मांगी मदद

तोमर ने कहा कि पिछले ढाई सालों के दौरान शीर्ष नेतृत्व की मजबूत इच्छा शक्ति की बदौलत नीतिगत मोर्चे पर सामान्य के बजाय अनेक बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 30 Nov 2016 09:21 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2016 09:26 PM (IST)
नोटबंदी: चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र ने सरपंचों से मांगी मदद

नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। नोटबंदी से उपजी चुनौतियों से निपटने में पंचायतें और सरपंच अहम भूमिका निभा सकते हैं। देश व्यापक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बुधवार को यहां सरपंचों के सम्मेलन में इसके लिए उनकी मदद की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि देश का प्रधान (पीएम) गांव के प्रधानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।

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तोमर ने कहा कि पिछले ढाई सालों के दौरान शीर्ष नेतृत्व की मजबूत इच्छा शक्ति की बदौलत नीतिगत मोर्चे पर सामान्य के बजाय अनेक बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। देश के आठ राज्यों के विभिन्न हिस्सों से आये लगभग एक हजार सरपंचों व ग्राम सचिवों को संबोधित करते हुए तोमर ने आम आदमी की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करके नगदी रहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करने का आग्रह किया।

सरपंचों से मुखातिब ग्रामीण विकास मंत्री ने जोर देकर कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी साहसिक कदम उठाकर अपनी कुर्सी दांव पर लगा सकते हैं तो फिर सरपंचों को भी अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए जोखिम उठाने का संकल्प लेना चाहिए। उनकी सरकार पारदर्शिता, ईमानदारी और सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने को इच्छुक हैं।

चौदहवें वित्त आयोग में दो लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की राशि पंचायतों को आवंटित की गई, जबकि 13वें वित्त आयोग ने पांच वषरें के लिए सिर्फ 65 हजार करोड़ रुपये की राशि ही आवंटित की गई थी। यह गरीब ग्रामीणों के उत्थान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है। पंचायती राज राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार गरीबों के कल्याण और गांवों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की घोषित नोटबंदी योजना इस लक्ष्य को पाने में काफी मददगार साबित होगी।

इससे पहले तोमर ने सरपंचों से आम विकासात्मक कायरें के अलावा अनेक सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का भी अनुरोध किया। इनमें सार्वभौमिक शिक्षा, टीकाकरण और शौचालयों का निर्माण भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करना है। पंचायती राज संस्थानों को और ज्यादा अधिकार प्रदान करने के लिए भविष्य में कई और कदम उठाए जाएंगे।

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