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जुबिन मेहता की संगीत संध्या पर हमले की धमकी

अलगाववादियों के बाद अब आतंकी संगठनों ने सात सितंबर को श्रीनगर के शालीमार बाग में होने जा रही संगीत संध्या एहसास-ए-कश्मीर का विरोध करते हुए इस पर हमला करने की धमकी दी है। यह धमकी लश्कर-ए-तैयबा का हिट स्क्वायड कहलाने वाले तीन संगठनों अल-नसरीन, शौहदा ब्रिगेड और फरजनदान-ए-मिल्लत क

By Edited By: Published: Wed, 04 Sep 2013 04:49 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2013 05:22 AM (IST)
जुबिन मेहता की संगीत संध्या पर हमले की धमकी

जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। अलगाववादियों के बाद अब आतंकी संगठनों ने सात सितंबर को श्रीनगर के शालीमार बाग में होने जा रही संगीत संध्या एहसास-ए-कश्मीर का विरोध करते हुए इस पर हमला करने की धमकी दी है। यह धमकी लश्कर-ए-तैयबा का हिट स्क्वायड कहलाने वाले तीन संगठनों अल-नसरीन, शौहदा ब्रिगेड और फरजनदान-ए-मिल्लत की ओर से दी गई है। आतंकी संगठनों ने न सिर्फ संगीत संध्या पर हमले की धमकी दी है, बल्कि कश्मीर घूमने आने वाले पश्चिमी देशों के पर्यटकों को भी निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी है।

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पढ़ें: कश्मीरी जुबिन मेहता की धुनों के साथ

गौरतलब है कि सात सितंबर को जर्मन दूतावास शालीमार बाग में संगीतकार जुबिन मेहता द्वारा संचालित बावेरियन स्टेट आर्केस्ट्रा का कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। अलगाववादियों समेत कश्मीर के विभिन्न संगठन इस कार्यक्रम का विरोध कर हैं। मंगलवार शाम को जारी साझा बयान में इन संगठनों ने कहा कि यह संगीत संध्या कश्मीर में यहूदी संस्कृति को फैलाने की साजिश के तहत हो रही है।

कश्मीर में जेहाद चल रहा है और यहां इस संगीत संध्या की अनुमति नहीं दी जा सकती। अपने धमकी भरे संदेश में आतंकी संगठनों ने जर्मनी के राजदूत से कहा है कि वह जुबिन मेहता की संगीत संध्या को रद करें। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो समारोह-स्थल पर हमला किया जाएगा और भविष्य में कश्मीर घूमने आने वाले पश्चिमी देशों के पर्यटकों को भी निशाना बनाया जाएगा। आतंकियों ने कश्मीरी अवाम को भी इस संगीत संध्या से दूर रहने का फरमान सुनाया है।

संगीत संध्या को सियासत से न जोड़ें: जर्मन राजदूत

जर्मन राजदूत माइकल स्टेनर मंगलवार को दिल्ली से अपने दल बल के साथ श्रीनगर पहुंचे और शालीमार बाग में संगीतकार जुबिन मेहता के कार्यक्रम संबंधी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि यह संगीत संध्या कश्मीर और कश्मीरियों को सांस्कृतिक तोहफा है, इसे सियासत से न जोड़ें। उन्होंने बाग में जारी तैयारियों की समीक्षा करते हुए उनकी रफ्तार पर संतोष जताया। उन्होंने श्रमिकों से हाथ मिलाकर उनका हौसला बढ़ाया।

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