बुंदेलखंड की प्यास बुझाएगी दस वाटर टैंकर वैगन की रेल
जल संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए रेलवे भी आगे आ गया है। झांसी मंडल रेलवे ने जलापूर्ति के लिए दस टैंकर वैगन रतलाम (मध्य प्रदेश) से मंगाए थे, जो आज सुबह झांसी पहुंच गए।
लखनऊ। जल संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए रेलवे भी आगे आ गया है। झांसी मंडल रेलवे ने जलापूर्ति के लिए दस टैंकर वैगन रतलाम (मध्य प्रदेश) से मंगाए थे, जो आज सुबह झांसी पहुंच गए। जहां जल आपूर्ति के लिए इनकी जरूरत होगी, वहा के जिला प्रशासन की मांग पर जल की आपूर्ति की जाएगी।
वर्तमान में रोड टैंकर के माध्यम से जल आपूर्ति की जा रही है। इस परेशानी को देखते हुए रेलवे ने महाराष्ट्र की तरह बुंदेलखंड में भी टैंकर वैगन भेजने का निर्णय लिया। रतलाम से आए दस टैंकर वैगन को रेलवे यार्ड में खड़ा कर दिया गया है। इन वैगन को कल सुबह रेलवे वर्कशॉप भेज दिया जाएगा, जहां इनकी धुलाई व सतह का परीक्षण एक बार फिर होगा। ये वैगन बुंदेलखंड के किसी भी जिले की मदद के लिए फिलहाल झांसी में ही रहेंगे। बताया यह भी जा रहा है कि ये वैगन महोबा भेजने के लिए मंगाए गए थे, पर महोबा जिला प्रशासन ने वर्तमान में रोड टैंकर से आपूर्ति को पर्याप्त बताया है।
वैगन खाली
अपर मंडल रेल प्रबंधक विनीत सिंह ने बताया कि वैगन किसी एक जगह के लिए नहीं है। जहां जरूरत होगी, वहां भेज दिए जाएंगे।झांसी पहुंचे वैगन अभी खाली हैं, ये भरे कहां जाएंगे, इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हुई है। पहले खबर थी कि वैगन कोटा की किसी नदी से भरने के बाद यहां भेजे जाएंगे, पर ऐसी नहीं हुआ।
नहीं चाहिए पानीः डीएम
पानी की भीषण किल्लत से जूझ रहे महोबा में पानी लेकर फिलहाल कोई ट्रेन नहीं आयेगी। महोबा जिलाधिकारी वीरेश्वर सिंह ने इस आशय का पत्र झांसी डीआरएम को लिखकर कहा है कि फिलहाल पानी की जरूरत नहीं है। दरअसल बुंदेलखंड के हालात पर लोकसभा में चर्चा के दौरान महोबा के सांसद कुंवर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल को रेल राज्य मंत्री मनोज सिंहा ने आश्वस्त किया था कि जब जरूरत होगी वह वहां वाटर ट्रेन भेज देंगे। चंदेल के अनुसार मई के पहले सप्ताह में बाण सागर बांध से पानी लेकर ट्रेन भेजने की बात की तो मंत्री ने छह मई की तारीख भी दे दी। सांसद ने बताया कि बुधवार को खुद रेल राज्य मंत्री ने उन्हें बताया है कि महोबा जिला प्रशासन ने झांसी में डीआरएम को टैंकर वैगन नहीं भेजने के लिए पत्र भेजा है। जिलाधिकारी ने बताया कि इस समय जिले को तीन जोन में बांटकर पेयजल की व्यवस्था कराई जा रही है। 40 गांव व कबरई समस्या ग्रस्त हैं तो वहां लगातार टैंकरों से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। उर्मिल व अर्जुन बांध में इतना पानी है कि अभी बरसात तक पानी दे सकेंगे। उर्मिल बांध से लगभग 80 लाख लीटर पानी रोजाना शहर के साथ गांवों को दिया जा रहा है। 575 हैंडपम्पों को रीबोर कर दिया गया है जबकि पांच सौ नए हैंडपंप लगाने का काम चल रहा है। यदि कहीं पानी की दिक्कत होगी तो बताया जाएगा।
भाजपा व सपा आमने-सामने
सूखे व पानी के संकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर वाटर ट्रेन मंगाने को बकवास करार दे दिया। उन्होंने कहा, जब अभी उर्मिल बांध से 98 लाख लीटर पानी प्रतिदिन शहर व आसपास के इलाकों में सप्लाई किया जा रहा है तो ट्रेन को केंद्र सरकार द्वारा भेजने का औचित्य क्या है। क्या यह सरकारी धन की बर्बादी नहीं है। उधर, भाजपा के जिलाध्यक्ष जीतेन्द्र सेंगर ने कहा, हमारे सांसद ने यहां के दुख दर्द को कई बार सदन में उठाया। उनकी पहल पर महोबा को वाटर ट्रेन भेजने की बात खुद रेल राज्य मंत्री ने कही। ट्रेन को छह मई को आना था। इस पानी को स्टोर कर उसका उपयोग किया जा सकता है। पीडि़तों की सहायता में राजनीति का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।