Move to Jagran APP

जीएसटी लागू होने के बाद इतनी मंहगी हो जाएंगी टेलीकॉम, बीमा व बैंकिंग सेवाएं

जीएसटी लागू होने के बाद कई तरह की सेवाएं मंहगी होंगी तो कई वस्तुएं सस्ती भी होंगी।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sat, 20 May 2017 01:43 AM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 06:46 AM (IST)
जीएसटी लागू होने के बाद इतनी मंहगी हो जाएंगी टेलीकॉम, बीमा व बैंकिंग सेवाएं
जीएसटी लागू होने के बाद इतनी मंहगी हो जाएंगी टेलीकॉम, बीमा व बैंकिंग सेवाएं

श्रीनगर (जेएनएन)। एक जुलाई 2017 से प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद फोन पर बात करना महंगा हो जाएगा। इसके अलावा एटीएम व अन्य बैंकिंग सेवाओं का चार्ज और बीमा प्रीमियम भी बढ़ जाएगा। दरअसल जीएसटी काउंसिल ने सेवाओं के लिए जीएसटी की चार अलग-अलग दरें तय करते हुए दूरसंचार, बैंकिंग व बीमा सेवाओं पर जीएसटी की स्टैंडर्ड दर 18 प्रतिशत लागू करने का फैसला किया है। अभी इन सेवाओं पर 15 फीसद सर्विस टैक्स व सरचार्ज लगता है।

loksabha election banner

हालांकि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सेवाओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। वैसे मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए इकोनॉमी क्लास की हवाई यात्रा और परिवहन सेवाओं पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत ही रखने का फैसला किया गया है। सेवाओं पर जीएसटी की दरें तय करते हुए इस बात का ध्यान रखा गया है कि इससे महंगाई न बढ़े।

उपभोक्ताओं के अनुकूल होगा जीएसटी- जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 14वीं बैठक के दूसरे दिन विभिन्न सेवाओं पर जीएसटी की चार दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत लगाने का फैसला किया गया। काउंसिल ने सेवाओं के लिए जीएसटी की दरों को उसी आधार पर तय किया है जिस तरह वस्तुओं के लिए दरों को तय किया गया है। इन्हें तय करते हुए इस बात का ध्यान रखा गया है कि आम लोगों पर महंगाई की मार न पड़े। वित्त मंत्री ने कहा भी है कि जीएसटी उपभोक्ताओं के अनुकूल होगा। इस तरह सेवाओं और अधिकांश वस्तुओं पर जीएसटी की दरें तय होने के बाद अब बस चंद वस्तुएं बची हैं जिन पर जीएसटी की दर तय की जानी है।

बैठक के बाद वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि दूरसंचार और वित्तीय सेवाओं पर जीएसटी की 18 प्रतिशत की दर लागू होगी। फिलहाल दूरसंचार सेवाओं पर 15 प्रतिशत सेवा कर लगता है। वहीं परिवहन सेवाओं पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा और टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली एप आधारित ओला और उबर कंपनियों की सेवाओं पर भी यही दर लागू होगी। फिलहाल कैब सेवाओं पर छह प्रतिशत की दर से सेवा कर लगता है। रेलवे की गैर-एसी यात्रा पर जीएसटी नहीं लगेगा जबकि एसी यात्रा पर पांच प्रतिशत की दर से टैक्स लिया जाएगा। इकॉनामी श्रेणी की हवाई सेवा पर जीएसटी पांच प्रतिशत जबकि बिजनेस श्रेणी की सेवा पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वैसे मेट्रो, लोकल ट्रेन और हज सहित धार्मिक यात्राओं पर जीएसटी नहीं लगेगा।

सेवाओं पर टैक्स रेट

  • कर मुक्त: मेट्रो, लोकल ट्रेन, हज सहित धार्मिक यात्रा, 1000 रुपये दैनिक किराए वाले होटल या लॉज के रूम
  • 5 प्रतिशत: एसी यात्रा, इकोनॉमी हवाई सेवा
  • 12 प्रतिशत: बिजनेस श्रेणी हवाई सेवा, एसी रहित रेस्टोरेंट, 1000 रुपये से 2000 रुपये दैनिक किराए वाले होटल रूम
  • 18 प्रतिशत: दूरसंचार, वित्तीय सेवाएं, शराब परोसने वाले रेस्टोरेंट, 2500 रुपये से 5000 रुपये किराए वाले होटल
  • 28 प्रतिशत: फाइव स्टार होटलों के रेस्टोरेंट, गैंबलिंग एंड बेटिंग, सिनेमा सेवाएं, 5000 रुपये से अधिक किराए वाले होटल

मनोरंजन कर सेवाकर में समाहित

वहीं व‌र्क्स कान्ट्रेक्ट जैसे सफेदी कराने जैसे कार्य के लिए 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। मनोरंजन कर को सेवा कर में समाहित कर सिनेमा सेवाओं पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। यही दर गैंबलिंग और रेस कोर्स में बेटिंग पर भी लागू होगी। वैसे लॉटरी पर कोई टैक्स नहीं होगा। सिनेमा सेवाओं पर फिलहाल कुल 40 से 50 प्रतिशत टैक्स लगता है लेकिन जीएसटी की दर कम होने के बावजूद शायद यह सेवा सस्ती न हो क्योंकि कई राज्य स्थानीय निकायों के लिए धनराशि जुटाने को सिनेमा सेवाओं पर स्थानीय मनोरंजन कर लगा सकेंगे।

रोजाना एक हजार रुपये से कम किराए वाले होटलों पर जीएसटी नहीं लगेगा हालांकि 1000 रुपये से 2000 रुपये किराए वाले होटलों पर 12 प्रतिशत, 2500 रुपये से 5000 रुपये किराए वाले होटलों पर 18 प्रतिशत और 5000 रुपये से अधिक किराए वाले होटलों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। ऑनलाइन कारोबार करने वाली फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियों को आपूर्तिकर्ता को पेमेंट करते समय एक प्रतिशत टैक्स काटकर सरकार के खजाने में जमा करना होगा। अखबारों में विज्ञापन सेवा पर पांच फीसद टैक्स लगेगा।

खास बात यह है कि जिन सेवाओं पर फिलहाल सेवा कर से छूट प्राप्त है, उनमें से कई छूटें समाप्त हो जाएंगी। वित्त मंत्री का कहना है कि जीएसटी से महंगाई नहीं बढ़ेगी और स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सेवाएं जीएसटी के दायरे से बाहर रहेंगी। जेटली ने फिर दोहराया कि सरकार एक जुलाई से जीएसटी लागू करने को पूरी तरह तैयार है।

यह भी पढ़ें: जीसटी से ब्लैक मार्केटिंग में लगेगी लगाम : कटारिया

यह भी पढ़ें: जीएसटी दरों से टेलीकॉम व पेय उद्योग निराश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.