जीएसटी दरों से टेलीकॉम व पेय उद्योग निराश
दूरसंचार क्षेत्र को जीएसटी की 18 फीसद दर से घोर निराशा हुई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दूरसंचार, पेय समेत कई क्षेत्रों ने जीएसटी की दरों पर निराशा जताई। वहीं एफएमसीजी जैसे कुछ क्षेत्रों में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। दूरसंचार क्षेत्र को जीएसटी की 18 फीसद दर से घोर निराशा हुई है। मोबाइल कंपनियों के संगठन सीओएआइ ने कहा है कि पहले से चुनौतियों से घिरी टेलीकॉम कंपनियों को जीएसटी दर से एक और झटका लगा है। सीओएआइ के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा कि टेलीकाम क्षेत्र पहले से 4.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। बजाय इसके कि सरकार उसे इससे बाहर निकालने का उपाय करती, उसे 18 फीसद जीएसटी दर के दायरे में लाकर सरकार ने उद्योग पर कुठाराघात किया है।
इससे दूरसंचार सेवाएं और महंगी होने के साथ-साथ उद्योग पर कर्ज का बोझ और बढ़ेगा। इससे मोबाइल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार की रफ्तार मंद पड़ने का खतरा भी है। अभी दूरसंचार उपभोक्ताओं को फोन बिल पर 15 फीसद की दर से सर्विस टैक्स तथा सरचार्ज अदा करना पड़ता है। मैथ्यू ने कहा कि आवश्यक सेवाएं होने के नाते दूरसंचार सेवाएं सरकार से कुछ अतिरिक्त रियायतें पाने की हकदार हैं। दूरसंचार के 22 सर्किलों का वितरण राजनीतिक वितरण से एकदम अलग है। करीब 12 सर्किलों में कई राज्य आते हैं, जबकि पांच राज्यों में कई सर्किलों का विस्तार है। इससे जीएसटी का हिसाब-किताब करने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
एफएमसीजी सेक्टर :
गुड़, अनाज, दूध को जीएसटी से मुक्त रखा गया है। किंतु चीनी, चाय, काफी, खाद्य तेल पर जीएसटी की 5 फीसद की रियायती दर लागू होगी। परंतु हेयर आयल, टूथपेस्ट तथा साबुन पर 18 फीसद जीएसटी लागू होगा। एआरयू रिसर्च के प्रमुख वैभव अगरवाल के मुताबिक कुल मिलाकर एफएमसीजी कंपनियों के लिए व्यापक बाजार खुलेगा तथा आइटीसी, ब्रिटानिया कोलगेट तथा एचयूवीआर जैसी कंपनियों की स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। दूसरी ओर रुचि सोया के एमडी दिनेश शर्मा ने सोया बड़ी पर 12 फीसद व सोया आटे पर 5 फीसद की जीएसटी दर को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा भारत जैसे प्रोटीन कुपोषित देश में सोया के सामान पर ऊंचा टैक्स कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में अपने पांव कुल्हाड़ी मारने जैसा है।
शीतल पेय :
शीतल पेय उद्योग उद्योग ने सरकार से जीएसटी दरों पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है। इंडियन बेवरेजेज एसोसिएशन ने कहा कि एयरेटेड ड्रिंक्स पर 40 फीसद की प्रभावी दर से उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा। जीएसटी के तहत स्वीटेंड एयरेटेड वाटर तथा फ्लेवर्ड वाटर पर 28 फीसद की पीक के अलावा 12 फीसद अतिरिक्त टैक्स लागू होगा।
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