15 मिनट में बदल गया भूगोल, इतिहास बना गांव
कुदरत का क्रूर रूप देखिये कि महज 15 मिनट में भूगोल बदला तो गांव इतिहास बन गया। भिलंगना ब्लाक के नौताड़ तोक के पास बहने वाला गदेरा अब गांव में ही बह रहा है। चारों ओर पसरे सन्नाटे के बीच बचा है तो सिर्फ मलबे के ढेर और गूंजती सिसकियां। 20 मकानों वाले तोक में दर्जन भर से ज्यादा घर खंडहर
टिहरी, [दीपक श्रेयाल]। कुदरत का क्रूर रूप देखिये कि महज 15 मिनट में भूगोल बदला तो गांव इतिहास बन गया। भिलंगना ब्लाक के नौताड़ तोक के पास बहने वाला गदेरा अब गांव में ही बह रहा है। चारों ओर पसरे सन्नाटे के बीच बचा है तो सिर्फ मलबे के ढेर और गूंजती सिसकियां। 20 मकानों वाले तोक में दर्जन भर से ज्यादा घर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।
तबाही के चश्मदीद रहे दर्शन देव आधी रात के तांडव को याद कर फफक पड़ते हैं। हादसे के बाद से उनके छोटा भाई राजेश नौटियाल का कोई पता नहीं चल पा रहा। दिहाड़ी-मजदूरी कर परिवार की गुजर बसर कर रहे दर्शन अपने खेत मकान सब कुछ गंवा चुके हैं। वह बताते हैं बुधवार रात दस बजे बारिश शुरू हुई तो गांव किसी अनहोनी की आशंका से सहमा हुआ था। रात डेढ़ बजे तक बारिश काफी तेज हो गई थी। अचानक गदेरे से पानी की भवायह आवाज आनी शुरू हो गई। वह कहते हैं 'मैंने छोटे भाई राजेश को फोन किया।' इस पर राजेश गांव के पास ही गोशाला में मवेशियों को लेने चला गया। देखते ही देखते गदेरे में जबरदस्त सैलाब आ गया। सैलाब में राजेश कहां गया पता नहीं। कांशीराम गैराला बताते हैं कि कुदरत का यह तांडव करीब 15 मिनट चला। फिर बचे तो खंडहर और जमीन पर दलदल।