वेस्टइंडीज के तिलिस्म को इस भारतीय टेस्ट कप्तान ने पहली बार तोड़ा और जीता था टेस्ट सीरीज
भारतीय क्रिकेट टीम ने इनकी कप्तानी में पहली बार वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज अपने नाम किया था। भारत को 53 वर्ष बाद ये कामयाबी मिली थी।
नई दिल्ली, संजय सावर्ण। इतिहास गवाह है कि वेस्टइंडीज दौरा भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को लिए हमेशा चुनौतियों भरा रहा है। भारत के लिए इंडीज में टेस्ट सीरीज जीतना हमेशा ही बड़ी चुनौती रहा। ये चुनौती भारतीय खिलाड़ियों के लिए वर्ष 1953 से शुरू हुआ और लगातार वर्ष 2006 तक चलता रहा। वर्ष 2006, ये वो साल था जब भारतीय क्रिकेटर वेस्टइंडीज के तिलिस्म को तोड़ने में कामयाब रहे और वहां इनकी कप्तानी में भारत ने पहली बार टेस्ट सीरीज जीता था।
द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने पहली बार वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज जीता
भारत पहली बार 1953 में विजय हजारे की कप्तानी में टेस्ट सीरीज खेलने गया था। इसके बाद ये सिलसिला लगातार चलता रहा। कपिल, वेंगसरकर, सचिन, गांगुली जैसे धुरंधर भी अपनी कप्तानी में भारत को वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज में जीत नहीं दिला पाए। ये सिलसिला टूटा राहुल द्रविड़ की कप्तानी में। वर्ष 2006 में द्रविड़ की कप्तानी में भारत चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने वेस्टइंडीज गया। इस टेस्ट सीरीज के पहले तीन मैच ड्रॉ रहे थे और चौथे मैच में भारत को 49 रन से जीत मिली थी। इस तरह से भारत ने द्रविड़ की कप्तानी में पहली बार वेस्टइंडीज में चार टेस्ट मैचों की सीरीज को 1-0 से जीता था।
टीम इंडिया के मौजूदा कोच कुंबले भी थे टीम का हिस्सा
एक खिलाड़ी के तौर पर ये भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच अनिल कुंबले का आखिरी वेस्टइंडीज दौरा था। चार टेस्ट मैचों की सीरीज के जिस आखिरी मैच को भारत ने जीता था उस मैच की दूसरी पारी में जीत के नायक रहे थे अनिल कुंबले। इस मैच की दूसरी पारी में कुंबले ने छह विकेट लेकर इंडीज टीम की कमर तोड़ दी थी। हालांकि पहली पारी में उन्होंने एक विकेट लिया था।