PM मोदी की तरह कभी चाय बेचा करते थे तमिलनाडु के नए CM पनीरसेल्वम
जयललिता के निधन के बाद ओ पनीरसेल्वम ने तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है।
चेन्नई (जेएनएन)। जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के तौर पर जयललिता के उत्तराधिकारी के रूप में राज्य की बागडोर संभालने वाले ओ. पनीरसेल्वम को अम्मा का सबसे वफादार मंत्री माना जाता था।
तमिलनाडु स्थित थेनी ज़िले के पेरियाकुलम से आने वाले पनीरसेल्वम को प्यार से ओपीएस कहा जाता है। वो एक मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। 65 साल के पनीरसेल्वम के बारे में कुछ बातें सत्ता के गलियारों में लंबे समय से कही सुनी जाती रही। आइए जानते हैं तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को -
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- 29 सितंबर 2014 को दोबारा मुख्यमंत्री बने पनीरसेल्वम ने 22 मई 2015 तक पद संभाला। इस दौरान मुख्यमंत्री रहते वो कभी जयललिता की कुर्सी पर आसीन नहीं हुए।
- पनीरसेल्वम के पिता अन्नाद्रमुक के संस्थापक स्वर्गीय एमजी रामचंद्रन के लिए कार्य करते थे और एमजीआर तभी से उन पर मेहरबान थे।
- एक सामान्य पार्टी कार्यकर्ता के रुप में पनीरसेल्वम के कार्यों से जयललिता इस कदर प्रभावित हुईं कि वो उन्हें अपनी कैबिनेट में स्थान दिया।
- पनीरसेल्वम थेवर समुदाय से आते हैं जिनका दक्षिणी तमिलनाडु में अच्छा प्रभाव माना जाता है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह पनीरसेल्वम ने भी चाय बेची है। यहां तक कि पनीरसेल्वम के भाई आज भी पेरियाकुलम में चाय की दुकान चलाते हैं। हालांकि उनका पारिवारिक पेशा खेतीबाड़ी का है।
- पनीरसेल्वम के व्यवहार में कभी उतावलापन नहीं देखा गया। दो दशकों से राजनीति करते हुए भी उनमे पद-प्रतिष्ठा का लोभ-लालच नहीं रहा।
- 1996 में जब अन्ना द्रमुक के कई नेता द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) में शामिल हुए, उस वक़्त भी पनीरसेल्वम ने अम्मा का साथ नहीं छोड़ा।
- पनीरसेल्वम तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभा चुके हैं।
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