तंबाकू उत्पादों पर कम नहीं होगा टैक्स
सरकार ने एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू करने का फैसला किया है। फिलहाल तंबाकू उत्पादों पर टैक्स काफी अधिक है।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर तंबाकू उत्पादों पर टैक्स में कमी नहीं आएगी। जीएसटी के शुरुआती पांच वर्षो में जहां इन उत्पादों पर भारी भरकम सैस लगाया जाएगा वहीं यह अवधि पूरी होने के बाद केंद्र सरकार के पास तंबाकू उत्पादों पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने की शक्ति होगी। सरकार ने जीएसटी के लिए जरूरी संविधान संशोधन कानून में इस संबंध मंे आवश्यक उपाय किए हैं।
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के सचिव हसमुख अढिया का कहना है कि वैसे तो तंबाकू उत्पाद जीएसटी के दायरे में हैं लेकिन सरकार ने इन उत्पादों पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने की शक्ति भी अपने पास रखी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के शुरुआती पांच वर्षो में तंबाकू उत्पादों पर भारी भरकम सैस लगेगा जिससे एकत्रित होने वाली राशि क्षतिपूर्ति कोश में जाएगी। जिन राज्यों को राजस्व हानि होगी, उसकी भरपाई इस कोश से की जाएगी।
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सरकार ने एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू करने का फैसला किया है। फिलहाल तंबाकू उत्पादों पर टैक्स काफी अधिक है। ऐसे में जीएसटी लागू होने पर इन उत्पादों पर जीएसटी की अधिकतम दर 28 प्रतिशत के साथ-साथ भारी भरकम 290 प्रतिशत सैस भी लगेगा। 'वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) कानून, 2017' में तंबाकू और विनिर्मित तंबाकू उत्पादों पर 290 प्रतिशत या प्रति हजार स्टिक पर 4,170 रुपये लगाने का प्रावधान किया गया है।
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सैस फिलहाल पांच साल के लिए लगाया जा रहा है। इसलिए यह अवधि पूरी होने के बाद सरकार फिर से तंबाकू उत्पादों पर अतिरिक्त केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाएगी। वैसे अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बीड़ी पर सैस लगेगा या नहीं। इस संबंध में फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है। अधिकांश राज्य गरीबों की सेहत की चिंता छोड़ बीड़ी पर सैस न लगाने की वकालत कर रहे हैं। बिहार, केरल, पश्चिम बंगाल, पुद्दुचेरी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने बीड़ी पर सैस न लगाने की वकालत की है। वैसे वित्त मंत्री भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि डीमेरिट गुड्स पर सरकार टैक्स कम नहीं होने देगी।