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तसलीमा नसरीन का फेसबुक अकाउंट बंद

फेसबुक ने बांग्लादेश की विवादित लेखिका तसलीमा नसरीन के अकाउंट को इस्लामिक रूढि़वादियों द्वारा की गई शिकायत के बाद बंद कर दिया है। तसलीमा ने बुधवार को यह जानकारी दी। फेसबुक की इस कार्रवाई को तसलीमा ने पूरी तरह अस्वीकार्य करार देते हुए फेसबुक के कट्टरपंथी भावना से मुक्त होने

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2015 01:03 AM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2015 09:00 AM (IST)
तसलीमा नसरीन का फेसबुक अकाउंट बंद

कोलकाता [जेएनएन]। फेसबुक ने बांग्लादेश की विवादित लेखिका तसलीमा नसरीन के अकाउंट को इस्लामिक रूढि़वादियों द्वारा की गई शिकायत के बाद बंद कर दिया है। तसलीमा ने बुधवार को यह जानकारी दी। फेसबुक की इस कार्रवाई को तसलीमा ने पूरी तरह अस्वीकार्य करार देते हुए फेसबुक के कट्टरपंथी भावना से मुक्त होने के दावे पर सवाल उठाए हैं।

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तसलीमा ने एक न्यूज एजेंसी को कहा कि मंगलवार से ही मेरा फेसबुक अकाउंट बंद कर दिया गया है। कई बार अनुरोध करने के बावजूद फेसबुक के अधिकारियों ने मेरा अकाउंट शुरू नहीं किया। उन्होंने ऐसा इस्लामिक रूढि़वादियों को संतुष्ट करने के लिए किया, जो नहीं चाहते कि मैं अपने विचार सोशल साइट पर साझा करूं।

अपने वतन से निर्वासित चल रहीं तसलीमा ने अपने पाठकों से संपर्क स्थापित करने से रोकने के लिए फेसबुक की आलोचना की। तसलीमा ने कहा, मुझे बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में प्रवेश देने से रोका जा रहा है। मेरे पाठक मेरा लेखन नहीं पढ़ सकते, क्योंकि मेरी रचनाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसलिए मैं अपने पाठको से जुड़ने के लिए माध्यम के रूप में फेसबुक का इस्तेमाल कर रही थी। लेकिन मुझ पर यहां भी प्रतिबंध लगा दिया गया।

उन्होंने कहा, फेसबुक को अनेक फर्जी अकाउंट से कोई दिक्कत नहीं है, जो मेरे नाम से चलाए जा रहे हैं, लेकिन मेरे वैध अकाउंट से उन्हें आपत्ति है और यह सिर्फ मुस्लिम रूढि़वादियों को संतुष्ट करने के लिए किया जा रहा है, जो मेरे विचार फैलने नहीं देना चाहते।

फेसबुक के इस कदम की ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष अशोक वाजपेयी ने आलोचना करते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी के विचार का अतिक्रमण है। वाजपेयी ने कहा है कि तसलीमा जैसी एक लेखक को अपने विचार प्रसारित करने से रोकने के लिए जो कुछ भी किया जाए, वह पूरी तरह अस्वीकार्य और अति प्रतिक्रियावादी है। यह अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है और हमें इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी।

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