पन्नीरसेल्वम हो सकते हैं अम्मा के उत्तराधिकारी
आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री जयललिता की सजा से सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक गहरे सदमे में है। अम्मा के सजायाफ्ता होते ही पार्टी को अब यह चुनना है कि उनकी जगह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा। वैसे वरिष्ठ मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम का नाम जया के उत्तराधिकारी के रूप में तेजी से चल रहा है। जानकारा
चेन्नई। आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री जयललिता की सजा से सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक गहरे सदमे में है। अम्मा के सजायाफ्ता होते ही पार्टी को अब यह चुनना है कि उनकी जगह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा। वैसे वरिष्ठ मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम का नाम जया के उत्तराधिकारी के रूप में तेजी से चल रहा है। जानकारों का मानना है कि 2001 की तरह पन्नीरसेल्वम फिर से राज्य की कमान संभाल सकते हैं। हालांकि अन्नाद्रमुक सुप्रीमो के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में परिवहन मंत्री वी सेंथिल बालाजी, बिजली मंत्री आर विश्वनाथन और पूर्व मुख्य सचिव शीला बालाकृष्णन का नाम भी चर्चा में है।
जयललिता के उत्तराधिकारी को लेकर पार्टी के अंदर गहरा मंथन तो चल रहा है, लेकिन कोई भी नेता इस पर अभी खुल कर नहीं बोल रहा है। हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पन्नीरसेल्वम के नाम पर अम्मा फिर से मुहर लगा सकती है।
इससे पूर्व भी जयललिता ने 2001 में पन्नीरसेल्वम पर भरोसा कर मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी थी। उस समय तांसी भूमि घोटाले में सजायाफ्ता होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्ति को रद कर दिया था। तब अम्मा ने पन्नीरसेल्वम को अपनी जगह मुख्यमंत्री बनवाया। बाद में मद्रास हाई कोर्ट से बरी होने के बाद वह उपचुनाव जीतकर 2002 में फिर से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं।
वैसे अन्नाद्रमुक सुप्रीमो के जेल जाने से राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। 234 सदस्यीय विधान सभा में अन्नाद्रमुक की 150 सीटें हैं। लोकसभा चुनावों में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया, राज्य की 39 में से 37 सीटों पर अन्नाद्रमुक उम्मीदवार विजयी रहे।
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