मोदी की पहल, अब ई-गवर्नेंस से एम-गवर्नेंस तक सिमटेगी दुनिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ई-गवर्नेंस पर आयोजित 18वें राष्ट्रीय सम्मेलन को आज ट्विटर के माध्यम से संबोधित किया। यह पहला अवसर है कि जब ऐसा संबोधन ट्विटर के माध्यम से किया गया है। इस मौके पर उन्होंने डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ई-गवर्नेंस पर आयोजित 18वें राष्ट्रीय सम्मेलन को आज ट्विटर के माध्यम से संबोधित किया। यह पहला अवसर है कि जब ऐसा संबोधन ट्विटर के माध्यम से किया गया है। इस मौके पर उन्होंने डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की जोरदार वकालत करते हुए कहा आज कि उनकी सरकार ‘डिजिटल भारत’ के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने मोबाइल फोन पर दुनिया ले आने का आहवान किया।
प्रधाानमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस शासन की सभी प्रक्रियाओं को सरल बनाएंगे और कार्य एवं प्रगति की गति धीमी करने वाली अनेक बाधाओं को दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस पर नजर डालते समय हमें पहले मोबाइल के बारे में सोचना चाहिए और इस प्रकार एम-गवर्नेंस अर्थात ‘मोबाइल गवर्नेंस’ को महत्व देना चाहिए। उन्होंने मोबाइल यूजर्स से अनुरोध कि वह अपने मोबाइल के माध्यम से जितना संभव हो अधिक से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराने के तरीको का पता लगाएं और अपने मोबाइल फोन पर दुनिया को ले आएं।
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ट्विटर के माध्यम से ई-गवर्नेंस पर आयोजित 18वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि वह इस सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल होना चाहते थे लेकिन समय अभाव में यह संभव नहीं था। इस दौरान अपने अनुभवों को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि वह पहले सोचते थे कि इस सम्मेलन में भाग न लेने के बावजूद वह आपसे कैसे जुड़ सकते हैं। ऐसा करने के लिए बाद में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर जनता से जुड़ने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकारों, सशस्त्र बलों, शिक्षा, उद्योग और निजी क्षेत्र के अनेक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। प्रतिभागी और उनकी विशेषज्ञता प्रभावी और कुशल ई-गवर्नेंस के लिए आगे बढ़ने की दिशा में इस सम्मेलन को एक सही मंच बनाते हैं। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस डिजिटल भारत के हमारे सपने का एक अनिवार्य हिस्सा है। जितनी अधिक तकनीकी हम गवर्नेंस में लगायेंगे उतना ही भारत के लिए बेहतर होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस प्रक्रियाओं को सरल बनायेंगे और कार्य एवं प्रगति की गति धीमी करने वाली अनेक बाधाओं को दूर करेंगे।