सांई-राम नहीं, सीता-राम कहें: स्वरूपानंद
ज्योतिषबद्रिकाश्रम के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सांई प्रचार को ¨हदू धर्म की एकता के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि लोग सीता-राम, राधा-कृष्ण की जगह सांई राम और सांई कृष्ण कहने लगे हैं। हम सनातन धर्म पर विश्वास करते हैं। सांई ने नहीं कहा कि मैं भगवान हूं तो लोग उन्हें भगवान क्यों मानते
नई दुनिया, बिलासपुर। ज्योतिषबद्रिकाश्रम के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सांई प्रचार को ¨हदू धर्म की एकता के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि लोग सीता-राम, राधा-कृष्ण की जगह सांई राम और सांई कृष्ण कहने लगे हैं। हम सनातन धर्म पर विश्वास करते हैं। सांई ने नहीं कहा कि मैं भगवान हूं तो लोग उन्हें भगवान क्यों मानते हैं।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि धर्म गुरु होने के नाते लोगों को धर्म की बातें बताना आवश्यक है। धर्मातरण के विषय में उन्होंने कहा कि झारखंड में उनका आश्रम है, जहां धर्मातरण रोकने का ही कार्य किया जाता है।
आजादी से पहले स्कूलों में गीता व रामायण का पाठ पढ़ाया जाता था, लेकिन अभी स्कूलों में अंग्रेजी का बोलबाला है। समाज के विकास में महिलाओं की प्रमुख भूमिका है और उनका सम्मान ही सर्वोपरि है।