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सुषमा ने नवाज शरीफ को दिखाया आईना, कहा- कोई नहीं छीन सकता कश्मीर

हिंदी में दिए अपने ओजपूर्ण भाषण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पांच दिन पहले इसी मंच से पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के भाषण का बिंदुवार जवाब दिया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 12:36 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 09:44 AM (IST)
सुषमा ने नवाज शरीफ को दिखाया आईना, कहा- कोई नहीं छीन सकता कश्मीर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत ने सोमवार को पाकिस्तान के आतंकी 'शौक' पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि इस तरह के देशों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए। हिंदी में दिए अपने ओजपूर्ण भाषण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पांच दिन पहले इसी मंच से पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के भाषण का बिंदुवार जवाब दिया।

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शरीफ के कश्मीर राग पर सुषमा ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और कोई भी इसे हमसे नहीं छीन सकता। सुषमा का यह बयान इसलिए अहम है कि पाकिस्तान बार-बार कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग करता रहता है।

सुषमा के भाषण के मुरीद हुए केजरीवाल तो विश्वास बोले 'भारतीय सिंहनी'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बलूचिस्तान पर पहले ही साफ कर चुके हैं कि भारत के लिए अब वह अछूता मुद्दा नहीं है। लेकिन सुषमा स्वराज इस मुद्दे को अब संयुक्त राष्ट्र में भी ले गई हैं। पिछले हफ्ते कश्मीर में भारत के खिलाफ मानवाधिकार हनन का आरोप लगा चुके शरीफ को सुषमा ने दो टूक कहा, उन्हें अपने घर में भी झांक कर देखना चाहिए कि बलूचिस्तान में क्या हो रहा है? बलूचियों पर होने वाला अत्याचार यातना की पराकाष्ठा है। सुषमा ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'कुछ देशों के लिए आतंक को मदद करना शौक बन गया है।

विश्व समुदाय में ऐसे देशों को कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए। दुनिया को यह देखना होगा कि कौन आतंकियों को पैसा दे रहा है? कौन उन्हें हथियार दे रहा है? ऐसे देशों की पहचान करनी होगी और अगर कोई देश विश्व समुदाय के साथ शामिल नहीं होना चाहता तो उसे अलग-थलग करना होगा।'

पढ़ेंः UN में गरजीं सुषमा स्वराज, कहा कश्मीर का ख्वाब देखना छोड़ दे पाकिस्तान

मित्रता का हाथ बढ़ाया तो मिला क्या

हमने दुश्मनी छोड़ मित्रता के आधार पर सारे मसले सुलझाने की कोशिश की। ईद की शुभकामनाएं दीं तो कभी क्रिकेट की शुभकामनाएं दीं। हमने पिछले दो बरस में मित्रता का पैमाना खड़ा किया, लेकिन हमें मिला क्या? पठानकोट, उड़ी और बहादुर अली? बहादुर अली तो जिंदा सुबूत है कि सीमा पार से आतंकी आया है।

भाषण के प्रमुख अंश

-कौन है आतंकवाद का शौकीन देश? आतंकियों के कोई बैंक खाते नहीं हैं, उनकी कोई फैक्ट्री नहीं है, फिर उन्हें हथियार कौन देता है? कौन धन मुहैया कराता है? कौन सहारा, संरक्षण देता है?

-दुनिया में कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकियों को बोते, उगाते और पालते हैं। आतंकवाद का निर्यात भी करते हैं। आतंकवाद के ऐसे शौकीन देशों की पहचान होनी चाहिए। और, उन्हें अलग-थलग कर देना चाहिए।

-आज आतंकवाद ने राक्षस का रूप धारण कर लिया है। उसके अनगिनत मुंह हैं, अनगिनत पैर हैं, अनगिनत हाथ हैं।

नवाज को सीधा जवाब:

मानवाधिकार पर 21 सितंबर को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के संदर्भ में दो बातें कहीं। पहली, मेरे देश में मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है। मैं कहना चाहूंगी कि जिनके घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए। एक बार बगल में झांककर देखें। क्या-कुछ हो रहा है वहां। बलूचिस्तान में जनता पर अत्याचार किए जा रहे हैं। वहां यातनाओं की पराकाष्ठा हो रही है।

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वार्ता की शर्तो पर

शरीफ ने कहा कि हमें शर्ते मंजूर नहीं हैं। मैं यह कहना चाहती हूं कि किस शर्त की बात की जा रही है? मोदी जी के शपथ समारोह के लिए हमने नवाज शरीफ को बुलाया, क्या कोई शर्त रखी थी? मैं बातचीत के लिए इस्लामाबाद गई थी, तब क्या कोई शर्त रखी थी? काबुल से भारत आते वक्त मोदी जी पाकिस्तान गए थे तो क्या कोई शर्त लगा कर गए थे?

नवाज बनाम सुषमा

-शरीफ 21 सितंबर को 19 मिनट बोले थे। 8 मिनट भारत के खिलाफ बोले थे।

-सुषमा 20 मिनट बोलीं। 8 मिनट तक पाक के आतंकी चेहरे को बेनकाब किया।

-नवाज ने कश्मीर के आतंकी बुरहान वानी को कश्मीर की आवाज बताया, आतंकवाद को आजादी का संघर्ष बताया। परमाणु ताकत का दंभ दिखाया था।

-सुषमा ने आतंकवाद को पूरी दुनिया और मानवता का दुश्मन बताया। इसे उखाड़ फेंकने का संकल्प जताते हुए कहा कि सिर्फ इच्छाशक्ति की कमी है।

-नवाज ने कश्मीर में आंदोलनों, प्रदर्शनों को समर्थन जारी रखने का एलान किया था।

-सुषमा ने बलूचिस्तान में दी जा रही यातनाओं को आतंकवाद की पराकाष्ठा बताया।

दुनिया के लिए दो बातें जरूरी

1. सीसीआईटी : आतंकवाद के खिलाफ व्यापक वैश्विक संधि का यह प्रस्ताव 20 साल से लंबित है। 1996 में इसे पेश किया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आतंकवाद के खिलाफ कोई अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं बना जो आतंकवादियों को सजा दे सके।

2. संयुक्त राष्ट्र : 1945 में कुछ ही देशों के हितों की रक्षा के लिए यह बना था। आज की वास्तविकता और परिस्थितियों के अनुसार इसमें बदलाव करना होगा। सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी सदस्यता का विस्तार होना चाहिए।

मोदी अौर केजरीवाल ने सराहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ओजस्वी भाषण देने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सराहना की। सुषमा के भाषण के तुरंत बाद पीएम ने ट्वीट किया, 'संयुक्त राष्ट्र में विविध वैश्विक मुद्दों की दृढ़, प्रभावी और उत्कृष्ट अभिव्यक्ति के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बधाई।' संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत के नजरिये को बहुत अच्छे तरीके से रखने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सुषमा को बधाई दी।

जानिए, क्या कहा विदेश मंत्री ने

''पाकिस्तान शायद सोचता है कि ज्यादा आतंकी हमले कराकर वह भारत की भूमि हथिया सकता है। लेकिन पाकिस्तान यह सपना देखना छोड़ दे। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।''

- सुषमा स्वराज

पढ़ेंः संयुक्त राष्ट्र में सुषमा स्वराज के भाषण के मुरीद हुए केजरीवाल


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