देश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार वाले राज्यों में कर्नाटक टॉप पर
सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार वाले राज्यों में कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और पंजाब का नंबर है।
नई दिल्ली(जेएनएन)। देश के जिन राज्यों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है, उनकी सूची में कर्नाटक टॉप पर है। इस बात का खुलासा 11वीं इंडिया करप्शन स्टडी-2017 रिपोर्ट में कहा गया है। सरकारी कामों को कराने के लिए दिए जाने वाले घूसों के आधार पर भ्रष्ट राज्यों की सूची तैयार की गई है।
सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार वाले राज्यों में कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और पंजाब का नंबर है। हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ सबसे कम भ्रष्टाचार वाले राज्यों की सूची में हैं।
नीति आयोग के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की 11वीं इंडिया करप्शन स्टडी-2017 रिपोर्ट में कहा गया है कि इन राज्यों में सार्वजनिक सेवाओं के लिए जनता को घूस देना पड़ा है। देश के 29 में से 20 राज्यों में किये गये सर्वे के आधार पर हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ को सबसे कम भ्रष्ट राज्य माना गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में करीब एक तिहाई लोगों ने माना कि पिछले साल उन्हें कहीं न कहीं रिश्वत देनी पड़ी। सर्वेक्षण में गांव और शहरी क्षेत्र के 3,000 लोगों की राय ली गई। इनमें से आधे से अधिक ने माना कि नोटबंदी के दौरान घूूसखोरी में कमी आयी थी। रिपोर्ट में आकलन किया गया है कि 20 राज्यों के लोगों ने 10 सार्वजनिक सेवाओं के लिए 6,350 करोड़ रुपये की रिश्वत 2017 में दी। वर्ष 2005 में लोगों ने 20,500 करोड़ रुपये रिश्वत दी थी। इस साल कराये गए अध्ययन में 53 फीसद लोगों ने रिश्वत देने की बात कबूल की थी।
सरकारी काम कराने के लिए दिए जानेवाले घूसों के आधार पर तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में भ्रष्टाचार घट रहा है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। पिछले साल 31 फीसद लोगों को स्कूल, अदालत, बैंक या अन्य कामों के लिए 10 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक की रिश्वत देनी पड़ी। 2005 में 53 फीसद लोगों को रिश्वत देनी पड़ती थी। यानी भ्रष्टाचार में 22 फीसद की कमी आयी है।
कहां, कितने लोगों ने दी रिश्वत
कर्नाटक 77.0 फीसद
आंध्रप्रदेश 74.0 फीसद
तमिलनाडु 68.0 फीसद
हिमाचल प्रदेश 03.0 फीसद
नोटबंदी और भूमि सुधार से और कम होगा भ्रष्टाचार : देबरॉय
रिपोर्ट जारी करते हुए नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराॅय ने कहा कि नोटबंदी और भूमि सुधार के कारण आनेवाले साल में भ्रष्टाचार में और कमी आयेगी। सेंटर की महानिदेशक पीएन वासंती का कहना है कि यह लोगों में जागरूकता का असर है।
सर्वे में 58 फीसद लोगों ने बताया कि उन्हें सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) की जानकारी है, लेकिन इनमें से सिर्फ एक फीसद लोग ही उसका इस्तेमाल करते हैं। एलपीजी के ‘आधार’ से लिंक होने के चलते भी भ्रष्टाचार कम हुआ है।
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