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केंद्र का प्रस्तावः 11 साल पुराना वाहन लाओ, नए पर 12 फीसद छूट पाओ

सरकार ने 11 साल से ज्यादा पुराने करीब दो करोड़ 80 लाख वाहन सड़कों से हटाने के लिए प्रोत्साहनों का प्रस्ताव किया है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sat, 28 May 2016 10:15 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 05:25 AM (IST)
केंद्र का प्रस्तावः 11 साल पुराना वाहन लाओ, नए पर 12 फीसद छूट पाओ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रदूषण फैला रहे 11 साल से ज्यादा पुराने करीब दो करोड़ 80 लाख वाहन सड़कों से हटाने के लिए प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया है। प्रस्ताव के तहत पुराना वाहन सरेंडर करने पर नई गाड़ी की कीमत पर 12 फीसद तक की छूट मिलेगी। पुराना वाहन बेचने वालों को गाड़ी के वजन के अनुसार उचित कीमत, नए की खरीद पर उत्पाद शुल्क में 50 फीसद तक छूट और निर्माता की ओर से विशेष डिस्काउंट का इंतजाम किया गया है। इसके दायरे में 31 मार्च, 2005 से पहले खरीदे गए वाहन आएंगे।

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सरकार ने पुराने और अनफिट वाहनों को सड़कों से हटाकर उनकी जगह नई गाडि़यों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए वॉलंटरी व्हीकल फ्लीट मॉडर्नाजेशन प्रोग्राम (वी-वीएमपी) का लाने का प्रस्ताव किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसका मसौदा जारी कर 14 दिन के भीतर लोगों से सुझाव व आपत्तियां मांगी हैं। वी-वीएमपी के तहत लगभग 2.8 करोड़ पुरानी गाडि़यों की जगह खरीदे जाने वाले नए वाहन बीएस-4 उत्सर्जन मानक वाले होंगे। इस मानक को अप्रैल, 2017 से अनिवार्य किया जा रहा है। पुरानी के बदले नई सरकारी बसों की खरीद पर एक्साइज ड्यूटी से पूरी छूट मिलेगी। पुराने वाहनों को तोड़ने और स्क्रैप के रूप में बेचने के लिए जगह-जगह रीसाइक्लिंग व श्रेडिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

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सरकार का मानना है कि स्कीम लागू होने पर मझोले व भारी कॉमर्शियल वाहनों के कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में 17, हाइड्रोकार्बन व नाइट्रोजन ऑक्साइड में 18 फीसद तथा सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) उत्सर्जन में 24 फीसद की कमी आएगी। इसी प्रकार हल्के कॉमर्शियल वाहनों से उत्सर्जनों में कमी क्रमश: चार, एक तथा तीन फीसद होगी। पैसेंजर कारों के मामले में यह कमी दो, एक व दो फीसद तथा दोपहियों/तिपहियों में क्रमश: 17, 18 और 24 फीसद होगी।

देश में तकरीबन 18 करोड़ पंजीकृत वाहन हैं। 25 सालों में इनमें आठ गुना बढ़ोतरी हुई है। इनमें ट्रक व बस केवल 2.5 फीसद हैं, लेकिन करीब 60 फीसद प्रदूषण करते हैं। इनमें भी 11 साल से ज्यादा पुराने वाहनों की प्रमुख भूमिका है। ये वाहन संख्या में महज 15 फीसद होकर भी नई गाडि़यों के मुकाबले 10-12 गुना अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।

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कैसे काम करेगी स्कीम

पूरी व्यवस्था वाहन स्वामी, रीसाइक्लिंग व श्रेडिंग सेंटर, निर्माता, विक्रेता और सरकार के बीच क्रमबद्ध ढंग से चलेगी। सबसे पहले वाहन स्वामी पुराने वाहन की आरसी व इंश्योरेंस तथा अपने पहचानपत्र की प्रतियां कलेक्शन सेंटर में इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा कराएगा। कलेक्शन सेंटर वाहन डाटाबेस के जरिये स्वामी के नाम, वाहन के चेसिस व इंजन नंबर वगैरह की जांच करेगा। पुष्टि के बाद स्वामी को पुरानी गाड़ी जमा करने तथा वी-वीएमपी सर्टिफिकेट प्राप्त करने को कहा जाएगा। वाहन व कागजात जमा कराने पर कलेक्शन सेंटर उसे वाहन की स्क्रैप कीमत बताएगा। यदि वाहन स्वामी इस कीमत पर वाहन बेचने को तैयार हुआ तो उसे डिस्काउंट राशि के साथ वी-वीएमपी सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा। इसके बाद वाहन की पूरी जिम्मेदारी कलेक्शन व श्रेडिंग सेटर की होगी। वह सारे विवरण को केंद्रीय डाटाबेस में अपडेट करेगा।

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इसके बाद स्वामी नया वाहन खरीदने के लिए डीलर के पास पहुंचेगा। पसंद का वाहन चुनेगा और वी-वीएमपी सर्टिफिकेट व पहचानपत्र दिखाएगा। डीलर उनकी जांच व पुष्टि करने के बाद केंद्रीय डाटाबेस में वी-वीएमपी सर्टिफिकेट के साथ नए वाहन का ब्योरा फीड करेगा। फिर डीलर सर्टिफिकेट तथा इनवाइस की प्रतियां वाहन निर्माता को कागजी तौर पर ट्रांसफर करेगा। साथ ही, वाहन पर अपनी ओर से दिए गए डिस्काउंट की भरपाई की मांग करेगा। वाहन निर्माता खातों में समायोजन कर सरकार को अदा किए जाने वाले रियायती उत्पाद शुल्क का ब्योरा भरेगा। डीलर को डिस्काउंट का भुगतान करेगा।

श्रेडिंग सेंटर वाहन को तोड़ने के लिए स्क्रैपयार्ड में भेज देगा। वहां उसे पर्यावरण अनुकूल ढंग से नियमानुसार उपयोगविहीन अवस्था में तब्दील कर दिया जाएगा। इसी के साथ पुराने वाहन का आरसी भी रद कर दिया जाएगा। श्रेडिंग सेंटर वाहन को तोड़ने का सबूत भी रखेगा। वाहन श्रेडिंग के लिए अलग से नियम-कायदे बनाए जाएंगे।


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