रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने की इस्तीफे की पेशकश, पीएम ने कहा इंतजार करो
यूपी में दो बड़े रेल हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस्तीफे की पेशकश की है।
नई दिल्ली, जेएनएन। यूपी में दो बड़े रेल हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि वो इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं और उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण घटना का बेहद दुख है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को इस्तीफे की पेशकश के बाद पीएम ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा है। बुधवार को एक के बाद एक किए कई ट्वीट्स में उन्होंने न केवल इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी ली, बल्कि अपना पक्ष रखने की भी कोशिश की। बता दें कि पहले उत्कल एक्सप्रेस और फिर कैफियात एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लग रहा है। खुद प्रभु विरोधियों के निशाने पर हैं। विपक्ष ने उनका इस्तीफा मांगा है।
I met the Hon'ble Prime Minister @narendramodi taking full moral responsibility. Hon’ble PM has asked me to wait. (5/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
प्रभु ने ट्वीट करके लिखा, 'मैंने माननीय पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर (इन घटनाओं की) पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली है। माननीय पीएम ने मुझे इंतजार करने को कहा है।' उन्होंने कहा, 'मुझे इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं, यात्रियों के घायल होने और उनको हुए जानमाल के नुकसान और से बहुत ज्यादा पीड़ा हुई है।'
आगे उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अगुआई में 'न्यू इंडिया' को एक ऐसे रेलवे की जरूरत है जो सक्षम और आधुनिक हो। उन्होंने कहा, 'मेरा वादा है कि रेलवे उसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।' उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में दशकों से तिरस्कृत (रेलवे को) से निकलने के लिए सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रिफॉर्म्स की कोशिश की, जिसका नतीजन अभूतपूर्व निवेश और उपलब्धियां हासिल हुई हैं।
प्रभु ने लिखा, 'तीन साल से कम वक्त के दौरान बतौर मंत्री रेलवे की बेहतरी के लिए मैंने अपना खून-पसीना बहाया है।'
रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
बता दें कि इससे पहले, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने इस्तीफा दे दिया। बीते एक हफ्ते में दो रेल हादसों के बाद रेलवे प्रशासन दबाव में है। शनिवार को मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के हादसे का शिकार होने की वजह से 22 लोगों की जान चली गई थी। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
वहीं, बुधवार को आजमगढ़ से दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस एक बालू के डंपर से टकरा गई, जिसकी वजह से 78 लोग घायल हो गए। दोनों ही हादसों में रेलवे अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। उत्कल एक्सप्रेस हादसे में बिना किसी को जानकारी दिए पटरी की मरम्मत किए जाने की बात सामने आई थी।
अधिकारियों पर हुई थी कार्रवाई
हादसों पर घिरने के बाद सुरेश प्रभु ने उत्कल ट्रेन एक्सिडेंट पर जिम्मेदारी तय करने को कहा था। इसके बाद, रेलवे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नॉर्दर्न रेलवे के जीएम आरएन कुलश्रेष्ठ और दिल्ली रीजन के डीआरएम आर.एन. सिंह को छुट्टी पर भेज दिया था। कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया, जिनमें पी-वे डिपार्टमेंट के जेई, एसएसई, सेक्शन के एईएन और दिल्ली के सीनियर डीईएन शामिल थे। वहीं, चीफ ट्रैक इंजिनियर का भी तबादला कर दिया गया था।
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