सबरीमाला की परंपराओं में सुप्रीम कोर्ट की दखल की कोशिश आपत्तिजनक
राज्यसभा के निर्दलीय सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कहा, परंपराओं और रीति-रिवाजों का निश्चित तौर पर सम्मान किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली। राज्यसभा के एक निर्दलीय सांसद राजीव चंद्रशेखर ने केरल के सबरीमाला मंदिर की परंपराओं में सुप्रीम कोर्ट की दखल की कोशिश को "आपत्तिजनक" करार दिया है। उन्होंने कहा कि परंपराओं और रीति-रिवाजों का निश्चित तौर पर सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने सोमवार को जारी एक बयान में कहा- "सबरीमाला के एक समर्पित भक्त होने के नाते मैं पिछले 22 वर्षों से लगातार वार्षिक धार्मिक यात्रा में शामिल होता रहा हूं। मैं मानता हूं कि पवित्र मंदिर की लंबे समय से चली आ रही परंपराओं में सुप्रीम कोर्ट के दखल देने की कोशिश आपत्तिजनक है।"
मालूम हो कि इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन की एक जनहित याचिका पर 11 जनवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माहवारी की उम्र वाली महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि संविधान के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता है।
महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर कोर्ट द्वारा उठाए गए सवालों पर कर्नाटक से सांसद चंद्रशेखर ने कहा- "कई मामलों में पुरातन परंपराएं और रीति-रिवाज आधुनिक तौर-तरीकों के विरुद्ध हैं, लेकिन वे जैसी भी हैं उनका सम्मान किया जाना चाहिए। हिंदुओं और भारतीयों के लिए परंपराएं और मूल्य बहुत ही प्रिय हैं।"