सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लगाई बीसीसीआइ और श्रीनि को फटकार
चर्चित आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में मुद्गल समिति की जांच रिपोर्ट पर आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सुनवाई हुई। आज की सुनवाई में कोर्ट ने बीसीसीआइ और एन.श्रीनिवासन को जमकर फटकार लगाई है। वहीं राज कुंद्रा, गुरुनाथ मयप्पन और सुंदर रमन ने अपनी-अपनी सफाई भी कोर्ट में दर्ज
नई दिल्ली। चर्चित आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में मुद्गल समिति की जांच रिपोर्ट पर आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सुनवाई हुई। आज की सुनवाई में कोर्ट ने बीसीसीआइ और एन.श्रीनिवासन को जमकर फटकार लगाई है। वहीं राज कुंद्रा, गुरुनाथ मयप्पन और सुंदर रमन ने अपनी-अपनी सफाई भी कोर्ट में दर्ज की।
- सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, श्रीनिवासन की मुश्किलें जारीः
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए बीसीसीआइ को नसीहत दी कि अगर बोर्ड ऐसी चीजों को होने देगा तो वो एक तरह से क्रिकेट के खेल को मार रहे हैं। कोर्ट के मुताबिक आइपीएल को बीसीसीआइ से अलग करके नहीं देखा जा सकता। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ और श्रीनिवासन से सवाल भी किया कि अगर बीसीसीआइ अध्यक्ष भी आइपीएल में एक टीम का मालिक होगा, तो क्या इससे हालात बिगड़ेंगे नहीं। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे तो आइपीएल बीसीसीआइ और इस टूर्नामेंट के बीच फायदे का खेल बनकर रह गया है और कुछ नहीं। गौरतलब है कि फिक्सिंग मामले में घिरी चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के मालिक खुद एन.श्रीनिवासन ही हैं। कोर्ट ने अपने ये विचार तब दिए जब श्रीनिवासन के वकील कपिल सिब्बल ने श्रीनिवासन के बीसीसीआइ चुनावों में खड़े होने पर स्थिति साफ करने के लिए कहा। कोर्ट ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब श्रीनिवासन का एक करीबी (गुरुनाथ मयप्पन) सट्टेबाजी का दोषी पाया गया है तो ऐसे में वो बीसीसीआइ अध्यक्ष कैसे बन सकते हैं।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्रिकेट सही भावना के साथ खेला जाना चाहिए और इसे जेंटलमैन गेम के तौर पर बरकरार रखना चाहिए। अगर कुछ लोगों द्वारा किए गए इस भ्रष्टाचार का शिकार क्रिकेट बना तो आम आदमी का इस खेल पर से विश्वास उठ जाएगा। ये खेल एक धर्म की तरह है। करोड़ों लोग बिना किसी हिस्सेदारी के इस खेल के पीछे दीवाने हैं। अगर मैच फिक्स है तो क्या आपको लगता है कि कोई स्टेडियम के अंदर मैच देखने घुसेगा।
- दाखिल हुए 'एफीडेविट':
गौरतलब है कि इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चार नामों का खुलासा किया था। इसमें आइसीसी अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन, चेन्नई टीम के प्रिंसिपल रहे श्रीनि के दामाद गुरुनाथ मयप्पन, राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा और आइपीएल सीओओ सुंदर रमन के नाम शामिल थे। कोर्ट ने इन चारों को अपनी सफाई दर्ज करने का आदेश दिया था, श्रीनिवासन अपनी सफाई दर्ज करा चुके थे और बाकी तीनों ने आज अपने एफीडेविट दर्ज कराए हैं। सुंदर रमन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए अपना एफीडेविट दर्ज करा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन को फिक्सिंग मामले में क्लीन चिट दे दी थी लेकिन ये जरूर कहा गया कि श्रीनिवासन ने एक दिग्गज खिलाड़ी की आपत्तिजनक गतिविधयों को देखकर भी नजरअंदाज कर दिया, जिस मामले में बीसीसीआइ अपनी सफाई भी पेश कर चुका है।
- कुंद्रा का बयानः
कोर्ट की सुनवाई पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा ने कहा है कि उन्हें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि वो फैसला आने तक अपनी टीम के 11.7 फीसदी शेयर भी कोर्ट को या फिर कोर्ट जिसको चाहे उसको सौंपने को तैयार हैं। उन्होंने कहा वो निर्दोष हैं और अब वो इन शेयरों को तभी दोबारा लेंगे जब उनके खिलाफ सभी आरोप गलत साबित हो जाएंगे।
- मुद्गल ने कहा 'हमने अपना काम कर दिया':
आइपीएल फिक्सिंग मामले की जांच के लिए गठित की गई समिति के अध्यक्ष जस्टिस मुकुल मुद्गल ने कहा है कि उनकी जांच समिति ने अपना काम पूरा कर दिया है और अब बीसीसीआइ व श्रीनिवासन को देखना है कि उन्हें क्या करना है। वो चाहें तो इस जांच को चुनौती भी दे सकते हैं।