NGT के एक आदेश पर SC का रोक, चालू नहीं होगा वैकल्पिक मार्ग
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के एक आदेश पर रोक लगा दिया है। अब आगामी 24 नवंबर से वैकल्पिक मार्ग नहीं चालू किया जा सकेगा।
नई दिल्ली (एएनआई)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एनजीटी द्वारा 24 नवंबर तक वैकल्पिक मार्ग चालू करने के आदेश रोक लगा दी। एनजीटी ने 24 नवंबर से वैकल्पिक मार्ग चालू करने और तीर्थ यात्रियों की संख्या रोजाना 50000 तक सीमित करने का आदेश दिया था। एनजीटी के इन दोनों आदेशों के खिलाफ वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने याचिका दर्ज कराया था। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से एनजीटी के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।
Supreme Court stayed one of the NGT orders that a new path exclusively for the pedestrians and battery-operated cars at Vaishno Devi shrine will be opened from 24th November.
— ANI (@ANI) November 20, 2017
मालूम हो कि एनजीटी ने गत सप्ताह वैष्णो देवी यात्रा में घोड़ों खच्चरों आदि जानवरों का प्रयोग किये जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए वैष्णों देवी में रोजाना यात्रियों की संख्या 50000 तक सीमित कर दी थी। इसके अलावा एनजीटी ने श्राइन बोर्ड को आदेश दिया था कि कि वह बाणगंगा से अर्धकुंआरी तक का बनाया गया वैकल्पिक मार्ग 24 नवंबर से चालू कर दे।
वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड ने वकील सौरभ मिश्रा के जरिये याचिका दाखिल कर एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बोर्ड का कहना है कि एनजीटी ने जो आदेश दिया है, उसे देने का उसे अधिकार ही नहीं है। उसे सिर्फ पर्यावरण के मामले में सुनवाई करने का अधिकार है। इसके अलावा याचिका में इस तरह की मांग भी नहीं की गई थी जो आदेश दिया गया है। याचिका सिर्फ यात्रा के दौरान घोड़े खच्चर आदि जानवरों का उपयोग किये जाने के खिलाफ थी।
बोर्ड ने कहा है कि एनजीटी ने बाणगंगा से अर्धकुंआरी तक बनाए गये वैकल्पिक मार्ग को 24 नवंबर तक शुरू करने का आदेश दिया है। लेकिन 24 नवंबर तक वैकल्पिक मार्ग शुरू करना संभव नहीं है। इसके अलावा वैष्णों देवी आने वाले यात्रियों की रोजाना संख्या 50000 तक सीमित करने का भी कोई औचित्य नहीं है। बोर्ड ने एनजीटी का आदेश रद करने के अलावा कोर्ट से उस पर तत्काल अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की।
फैसले में कहा गया है कि अगर तीर्थयात्रियों की संख्या इससे ज्यादा हो जाए तो उन्हें अर्धकुंआरी या कटरा में ही रोक दिया जाए। एनजीटी का कहना था कि वैष्णों देवी भवन 50000 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों को वहन करने में सक्षम नहीं है।
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