स्कूलों में सुरक्षा के दिशा-निर्देश ने होने पर केंद्र को फटकार
डबवाली और कुंबकोणम जैसे अग्निकांड में बड़ी तादाद में बच्चों की मौत के बावजूद कोई ठोस कदम न उठाये जाने पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीएमए) से 14 अगस्त तक जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में डिजास्टर मैनेजमेंट के दिशा-निर्देश जारी नहीं करने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। डबवाली और कुंबकोणम जैसे अग्निकांड में बड़ी तादाद में बच्चों की मौत के बावजूद कोई ठोस कदम न उठाये जाने पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीएमए) से 14 अगस्त तक जवाब मांगा है।
जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सरकार को तल्ख अंदाज में कहा कि आपका हलफनामा गोल-गोल घुमाता है, लेकिन यह नहीं बताता कि ऐसे हादसों को रोकने के लिये क्या करने की जरूरत है। इतने साल निकल गये लेकिन अब तक इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। खंडपीठ ने कहा, 'केंद्र सरकार को अब यह बताना होगा कि वह ऐसा करना चाहती है या नहीं। कृपा करके हमें दिशा-निर्देश दीजिये। हम आदेश जारी कर देंगे। आपको हमें कुछ सिखाने की जरूरत नहीं है। अब छिपाने के लिये कुछ भी नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकारें इन हालात के प्रति सजग हो।'
एडीशनल सालीसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से कहा कि एनडीएमए, राज्य और जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन के इंतजाम हैं जो ऐसे मामलों को देखते हैं। इस पर अदालत ने कहा कि सिर्फ दिशा-निर्देश जारी करने से भी काम पूरा नहीं होगा। बल्कि इन्हें लागू भी करना होगा। अदालत ने संबंधित प्रशासन को 14 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा। अदालत ने कहा कि अगर कर्तव्यों का सही तरीके से पालन नहीं हुआ है तो जिम्मेदारी तय की जानी चाहिये। इससे पूर्व, सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार के पिछले साल के आदेश को लागू न करने पर उसकी आलोचना की थी।
उल्लेखनीय है कि अविनाश महरोत्रा नामक व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर कर हरियाणा के डबवाली कांड और तमिलनाडु के कुंबकोणम हादसों के बाद स्कूलों के लिये दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की है।