सुप्रीमकोर्ट ने शराब फैक्टि्रयों के पानी पर पूर्ण रोक से किया इन्कार
सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र में शराब फैक्टि्रयों की पानी आपूर्ति पर पूर्ण रोक लगाने की मांग मंगलवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि इस बारे में फैसला राज्य सराकर ही लेगी।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। महाराष्ट्र की शराब फैक्टि्रयों के लिए बड़ी राहत की बात है। सुप्रीमकोर्ट ने सूखा के चलते शराब फैक्टि्रयों की पानी आपूर्ति पर पूर्ण रोक लगाने की मांग मंगलवार को ठुकरा दी। कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट पहले ही 60 फीसद की कटौती कर चुका है। ये सरकार का नीतिगत मामला है इसे सरकार या जिला प्रशासन को ही तय करना चाहिए।
ये आदेश न्यायमूर्ति पीसी पंत व न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अवकाशकालीन पीठ ने सुनाया। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वे हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट आये हैं मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है और वे वहीं जाकर अपनी बात कहें। कोर्ट का नकारात्मक रुख देखते हुए याचिकाकर्ता संजय भास्कर राव काले के वकील ने अपनी याचिका वापस ले ली।
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इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से शराब फैक्टि्रयों को पानी आपूर्ति पर पूर्ण रोक लगाने की मांग करते हुए दलील दी गई थी कि महाराष्ट्र में गंभीर सूखा पड़ा है लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। उनका कहना था कि राष्ट्रीय जल नीति 2012 और महाराष्ट्र जल नीति के मुताबिक पीने के लिए पानी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट का आदेश इन जल नीतियों के प्रावधानों के खिलाफ है।
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बांबे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने गत 24 अप्रैल को याचिकाकर्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने अंतरिम आदेश में राज्य सरकार को महाराष्ट्र में शराब फैक्टि्रयों को दिए जा रहे पानी में 60 फीसद की कटौती करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि ये कटौती 10 मई से शुरू होकर 27 मई तक जारी रहेगी। लेकिन याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दे दी थी। उनका कहना था कि उन्होंने शराब फैक्टि्रयों को पानी सप्लाई पर पूर्ण रोक मांगी थी।सूखे से जुड़ी सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें