NEET पर सुप्रीम कोर्ट का फैसलाः केंद्र के अध्यादेश पर रोक नहीं लगा सकते
देशभर में एक मेडिकल परीक्षा NEET कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक साल तक रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मेडिकल व डेंटल पाठ्यक्रमों में प्रवेश की एकल परीक्षा NEET से राज्यों को छूट देने वाले अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार किया। कोर्ट ने कहा कि छात्रों के लिए कुछ निश्चितता हो। कोर्ट ने कहा कि अध्यादेश पर रोक से भ्रम की स्थिति छात्रों के बीच पैदा हो जायेगी।
केंद्र सरकार कि तरफ से पेश हुए AG ने कोर्ट में कहा कि ये मामला अंतरिम आदेश का नहीं है। केवल कुछ हिस्सों को लेकर ये अध्यादेश आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम घोटाले के व्हिसल ब्लोअर रहे डॉ. आनंद राय और मेडिकल छात्र संजीव शुक्ला की याचिका पर सुनवाई की। इसमें SC ने कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष जुलाई में लाया जाना चाहिए।
इसके अलावा कोर्ट ने कहा, सरकार के इस फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार ने NEET लाने से इनकार नहीं किया है सिर्फ कुछ राज्यों को इस साल के लिए छूट दी है। इस तरह अगर कोर्ट इस मामले में दखल देगी तो इससे संशय की स्थिति पैदा हो जाएगी।
गौरतलब हो कि व्यापम घोटाले के व्हिसल ब्लोअर रहे डॉ. आनंद राय और मेडिकल छात्र संजीव शुक्ला ने बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। डॉ आनंद राय ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार के अध्यादेश को गैरकानूनी बताया और कोर्ट से इसे निरस्त करने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि नीट परीक्षा के लिए लाए गए सरकार का अध्यादेश जनहित के खिलाफ है। उन्होंने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में अनियमितताओं और धांधली-भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए नीट परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था।
पढ़ें- जेटली ने कांग्रेस से क्यों कहा, दामन में लगे दाग पर बहस के लिए हों तैयार
पढ़ें- DGP के विवादित बोल, कहा- जनता को है अपराधी की जान लेने का अधिकार