सुप्रीम कोर्ट ने पीडि़तों में 30 लाख रुपये बांटने का दिया आदेश
मेरठ के विक्टोरिया पार्क में 10 अप्रैल 2006 को प्रदर्शनी के दौरान आग लग गई थी। इसमें 64 लोगों की मौत हो गई थी और 81 गंभीर तथा 80 साधारण रुप से घायल हुए थे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने मेला आयोजकों द्वारा जमा कराई गई 30 लाख की रकम मेरठ विक्टोरिया पार्क अग्निकांड पीडि़तों में बांटने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने मुआवजे के बारे में एसबी सिन्हा आयोग की रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश सरकार का नजरिया पूछा है। कोर्ट इस मामले में 12 जुलाई को फिर सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ कर रही है।
मेरठ के विक्टोरिया पार्क में 10 अप्रैल 2006 को प्रदर्शनी के दौरान आग लग गई थी। इसमें 64 लोगों की मौत हो गई थी और 81 गंभीर तथा 80 साधारण रुप से घायल हुए थे। पीडि़तों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा तय करने के लिए सेवानिवृत न्यायाधीश एसबी सिन्हा की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया था। सिन्हा आयोग ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है जिसमें मेला आयोजकों पर मुआवजे की 60 फीसद और राज्य सरकार पर 40 फीसद देनदारी बताई गई है। फिलहाल कोर्ट मुआवजे की देनदारी के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है। मेला आयोजकों ने आयोग की रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। इस बीच कोर्ट ने मेला आयोजकों से 30 लाख रुपये सुप्रीमकोर्ट रजिस्ट्री में जमा करा लिये थे। जिसे बुधवार को पीडि़तों में बांटने का आदेश दिया गया।
बुधवार को कोर्ट ने सिन्हा आयोग की रिपोर्ट और मेला आयोजकों की ओर से उस पर उठाई गई आपत्तियों की प्रति प्रदेश सरकार के वकील रवि प्रकाश मेहरोत्रा को दिये जाने का आदेश देते हुए कहा कि वे इसे जिम्मेदार अधिकारी तक पहुंचाएं और कोर्ट को आयोग की रिपोर्ट पर राज्य सरकार के नजरिये से अवगत कराएं। पीठ ने राज्य सरकार को इस बारे में 10 सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि मेला आयोजकों द्वारा रजिस्ट्री में जमा करायी गई 30 लाख रुपये की रकम मेरठ के जिला जज को भेजी जाए। जिला जज इस रकम को प्रोरेटा बेसिस पर पीडि़तों को बांटेंगे। कोर्ट ने कहा कि प्रोरेटा का मतलब है कि रकम का बंटवारा केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा घोषित मुआवजे के आधार पर होगा और रकम का ये बंटवारा इस मामले में कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा।
इससे पहले मामले पर सुनवाई के दौरान मेला आयोजकों की ओर से सिन्हा आयोग की रिपोर्ट का विरोध करते हुए कहा गया कि कमीशन आफ इन्क्वायरी एक्ट के तहत आयोग गठित करने का अधिकार सरकार को है। कोर्ट आयोग नहीं गठित कर सकता।
इस मामले में पीडि़तों को अभी तक राज्य और केंद्र से कुल जो मुआवजा मिला है वो इस प्रकार है। प्रदेश सरकार ने अभी तक मृतकों के परिजनों को कुल 7 लाख, गंभीर रुप से घायलों को 3 लाख और हल्की चोट वालों को सवा लाख रुपये मुआवजा दिया है इसके अलावा केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख और गंभीर रुप से घायलों को 50000 रुपये मुआवजा दिया था।
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