दिल्ली सरकार यमुना किनारे बना मिलेनियम डिपो 1 साल भीतर शिफ्ट करें : सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली सरकार को यमुना किनारे बने मिलेनियम बस डिपो को हटाने के लिए एक साल का और समय मिल गया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और डीटीसी से कहा कि या तो मास्टर प्लान में बदलाव करो या फिर एक साल में बस डिपो वहां से हटाओ।
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार को यमुना किनारे बने मिलेनियम बस डिपो को हटाने के लिए एक साल का और समय मिल गया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और डीटीसी से कहा कि या तो मास्टर प्लान में बदलाव करो या फिर एक साल में बस डिपो वहां से हटाओ। कोर्ट ने साफ किया है कि इसके लिए अब और समय नहीं दिया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अधय्क्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार और डीटीसी की याचिका का निपटारा करते हुए ये आदेश सुनाया है। सरकार और डीटीसी ने सुप्रीमकोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने बस डिपो हटाने के लिए और समय देने से इन्कार कर दिया था।
सरकार और डीटीसी की सुप्रीमकोर्ट में दलील थी कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ठीक करने के लिए दिल्ली में 10000 बसों का बेड़ा लाने की जरूरत है। पहले से ही बसों को खड़ा करने के लिए डिपो की कमी है अगर ये डिपो भी बंद कर दिया गया तो बसें कहा खड़ी होंगी। सरकार ने कोर्ट में जनहित का हवाला दिया था।
पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि जनवरी 2014 की कैबिनेट मीटिंग में स्वयं सरकार ने डिपो स्थानांतरित करने की बात कही थी फिर अब वो अपनी बात से क्यों उलट रही है।
हालांकि कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए अपने आदेश में नोट किया कि हाईकोर्ट के समक्ष भी मास्टर प्लान में बदलाव किये जाने की बात हुई थी लेकिन विभिन्न एजेंसियों के बीच जमीन पर हक को लेकर चल रहे विवाद के कारण ऐसा नहीं हो पाया। कोर्ट ने अपने फैसले में डीटीसी और सरकार से कहा है कि या तो वह मास्टर प्लान में बदलाव करे या फिर एक साल में बस डिपो वहां से स्थानांतरित करे।
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