सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल टेस्ट पेपर लीक जांच की समय सीमा बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक मामले की जांच कर रही हरियाणा पुलिस को और समय देने का फैसला किया है। इससे पहले कोर्ट की तरफ से पुलिस को मंगलवार तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। अब रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा को बढ़ाकर 3 जून
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक मामले की जांच कर रही हरियाणा पुलिस को और समय देने का फैसला किया है। इससे पहले कोर्ट की तरफ से पुलिस को मंगलवार तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। अब रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा को बढ़ाकर 3 जून कर दिया गया है।
अदालत में सुनवाई के दौरान हरियाणा पुलिस ने कहा कि उन्होंने 72 सिम कार्डों की पहचान कर ली है, जिससे 358 फोन कॉल किए गए थे। उन सभी नंबरों को पुलिस ने सर्विलांस पर लगा रखा है। सीबीएसई की ओर से करीब 3000 सीटों के लिए 3 मई को आयोजित की गई ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट परीक्षा में करीब 700 लोगों ने पेपर लीक होने का फायदा उठाया। इतना ही नहीं इन लोगों ने एक खास किस्म की बनियान पहनकर परीक्षा दी, जिसमें आसानी से मोबाइल छिपाया गया था। इसके बाद परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों ने नए सिरे परीक्षा आयोजित करने की मांग की थी।
पुलिस ने बताया की इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मास्टरमाइंड फिलहाल फरार है। जांच में पाया गया है कि पेपर लीक होने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में 70 मोबाइल फोन पर इसे भेजा गया। ये मोबाइल एक दिन पहले शुरू हुए और परीक्षा के अगले दिन बंद हो गए।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि करीब 700 परीक्षार्थियों ने ये लीक पेपर खरीदे। ये भी पता चला है कि एक आरोपी ने मोबाइल छिपाने के लिए खास तरह के डिजाइन बनियान भी बेचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ये सब लोग पकडे जाए तो 6 लाख बच्चे दोबारा परीक्षा देने से बच सकते हैं।
जस्टिस ए.के. सिकरी और जस्टिस यू.यू. ललित ने कहा कि पुलिस को जल्द से जल्द इस रैकेट की तह तक जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कुछ छात्रों और अभिभावकों की याचिका में कहा गया हैं कि पेपर में आंसर के लीक होने की आशंका के चलते मेधावी छात्र अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। ..लिहाज़ा इस परीक्षा को फिर से आयोजित किया जाना चाहिए।
इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, सीबीएसई और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। दरअसल 3 मई को देशभर के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों में ऑल इंडिया प्री. मेडिकल टेस्ट 2015 की परीक्षा हुई थी। हरियाणा पुलिस ने रोहतक से एक गैंग के चार सदस्यों को AIPMT आंसर की लीक करने और छात्रों के बीच बांटने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
मामले की जांच कर रही पुलिस ने बड़े पैमाने पर पर्चा लीक होने की आशंका जताते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी। हालांकि सीबीएसई ने आंसर के लीक होने को लेकर पुलिस की तर्क को खारिज कर दिया। सीबीएसई के मुताबिक ये परीक्षा देशभर में पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई। परीक्षा के दौरान या इसके बाद कहीं से भी पेपर लीक होने की पुख्ता खबरें नहीं मिली हैं। लिहाज़ा इसे फिर से आयोजित कराने की कोई वजह नहीं हैं।