लेजर पार्क प्रोजेक्ट के 19 टावरों को तय समय में पूरा करे आम्रपाली
कोर्ट ने गुरुवार को फिर कहा कि उनकी चिंता होम बायर्स की परेशानियों को लेकर है। कंपनी उनकी परेशानियां देखते हुए तय समय में काम पूरा करें।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर आम्रपाली से कहा है कि वह तय समय के भीतर ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थिति लेजर पार्क प्रोजेक्ट के 19 टावरों का काम पूरा करे। कोर्ट ने कंपनी के प्रमोटरों से इस बावत 7 मार्च तक अंडर टेकिंग मांगी है। इसके साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि अगर कंपनी ने तय समय में काम पूरा करने की अंडर टेकिंग (भरोसा) का उल्लंघन किया तो उसे परिणाम भुगतना होगा। कोर्ट ने गुरुवार को फिर कहा कि उनकी चिंता होम बायर्स की परेशानियों को लेकर है। कंपनी उनकी परेशानियां देखते हुए तय समय में काम पूरा करें।मालूम हो कि कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में जो शिड्यूल दिया है उसके हिसाब से लेजर वैली के लेजर पार्क प्रोजेक्ट के 19 टावरों का काम 3 महीने से लेकर 15 महीने के बीच पूरा कर लिया जाएगा।
ये आदेश गुरुवार को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आम्रपाली की परियोजनाओं में फ्लैट बुक कराने वाले होम बायर्स की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिये। गत बुधवार को कोर्ट ने आम्रपाली से कहा था कि वह एक शिड्यूल पेश कर बताए कि किस परियोजना को कितने समय में पूरा कर लेगा और उसमें कितना पैसा लगेगा। कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए आम्रपाली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने गुरुवार को कुल परियोजनाओं का समयबद्ध शिड्यूल पेश किया। कुमार ने कहा कि वे एक साथ सारी परियोजनाओं को पूरा नहीं कर पाएंगे लेकिन एक बार में तीन टावरों को पूरा करेंगे उसके बाद उसकी रिकवरी देखते हुए अगले तीन टावरों को पूरा करेंगे।
उन्होंने बताया कि लेजर पार्क मे कुल 22 टावर हैं जिसमें से 19 टावरों में 80-90 फीसद काम पूरा हो गया है। फिनिशिंग आदि रहती है। सभी टावरों का अलग अलग ब्योरा और काम पूरा होने का समय कंपनी ने कोर्ट के सामने पेश किया। जिसके मुताबिक 19 टावरों को पूरा होने में 3 से 15 महीने का समय लगेगा। कुछ टावर तीन से छह महीने में तैयार हो जाएंगे तो कुछ में इससे ज्यादा वक्त लगेगा। कुमार ने कहा कि इन टावरों को पूरा करने के लिए 87.28 करोड़ रुपये लगेंगे जबकि अभी तक उन्हें सिर्फ 52.29 करोड़ रुपये ही मिले हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास गलैक्सी सहित 13 को बिल्डर प्रमोटर मदद के लिए आये हैं जिनकी मदद से काम हो रहा है। इस पर फ्लैट खरीदारों की ओर से पेश वकील एमएल लाहौती ने कहा कि उन्हें बिल्डर के वादों पर कतई भरोसा नहीं है ये पिछले 8-9 सालों से ऐसे ही कह रहा है।
कोर्ट जेपी आदि मामलों की तरह उससे पैसा जमा कराए। कुमार ने कहा कि अगर वे पैसा जमा कराएंगे तो काम कैसे पूरा करेंगे। इस पर कोर्ट ने कहा कि वे टावरों का काम पूरा करें और इसमें कितना पैसा लगेगा और कैसे काम होगा इस सबके बारें मे 7 मार्च तक अंडर टेकिंग दाखिल करें। 27 मार्च को कोर्ट इस मामले में फिर सुनवाई करेगा। इसके अलावा बाकी की पांच परियोजनाओं के बारे में कोर्ट 15 मार्च को सुनवाई करेगा।