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दिल्ली में सरकार गठन की कोशिशों पर सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को सराहा

दिल्ली में सरकार गठन को लेकर आज होने वाली अहम सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने ग्यारह नवंबर तक के लिए टाल दी। कोर्ट ने उपराज्यपाल द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि वह अल्पमत सरकार को लेकर संभावना तलाशें। यदि ऐसी कोई संभावना नहीं बनती है तो इस बाबत राष्ट्रपति को बताया जाए। कोर्ट ने कहा कि इस

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 02:51 PM (IST)
दिल्ली में सरकार गठन की कोशिशों पर सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को सराहा

नई दिल्ली। दिल्ली में सरकार गठन को लेकर आज होने वाली अहम सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने ग्यारह नवंबर तक के लिए टाल दी। कोर्ट ने उपराज्यपाल द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि वह अल्पमत सरकार को लेकर संभावना तलाशें। यदि ऐसी कोई संभावना नहीं बनती है तो इस बाबत राष्ट्रपति को बताया जाए। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान होने वाली गतिविधियों की जानकारी वह 11 नवंबर को लेगा तब इस बाबत विचार करेगा।

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गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उपराज्यपाल को फटकार लगाते हुए पूछा था क्या सरकार गठन के लिए भाजपा के पास पर्याप्त नंबर है। यदि हैं तो एलजी ने सरकार गठन के लिए इतना समय क्यों लिया। हालांकि इस मुद्दे पर मचे हो-हल्ले के बाद भाजपा नेता वैंकेया नायडू ने कहा कि पार्टी दिल्ली में जोड़-तोड़ की सरकार नहीं बनाएगी।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी भी की थी कि लोकतंत्र में राष्ट्रपति शासन हमेशा के लिए नहीं हो सकता है। केंद्र की ओर से कोर्ट में दलील दी गई थी कि वह राष्ट्रपति या उपराज्यपाल को सरकार गठन के लिए कोई दिशा-निर्देश देने का हक नहीं रखता है। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के वकील प्रशांत भूषण से पूछा था कि यदि उनके पास कोई ऐसी नजीर है तो वह उसे पेश करें।

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