खुदकुशी के आंकड़े गिरे पर जवानों में अवसाद बरकरार
भारतीय सेना में जवानों द्वारा आत्महत्या करने के मामले कम हो रहे हैं। राज्यसभा में आज इस संबंध में दी गई जानकारी में कहा गया कि पिछले पांच सालों में 597 जवानों ने खुदकुशी की। इसके अलावा पांच सालों में 1349 सैन्य अफसरों ने नौकरी छोड़ी। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पूछे गए सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि
नई दिल्ली। भारतीय सेना में जवानों द्वारा आत्महत्या करने के मामले कम हो रहे हैं। राज्यसभा में आज इस संबंध में दी गई जानकारी में कहा गया कि पिछले पांच सालों में 597 जवानों ने खुदकुशी की। इसके अलावा पांच सालों में 1349 सैन्य अफसरों ने नौकरी छोड़ी। हालांकि यह आंकड़े बताते हैं कि जवान अवसाद में हैं और इसे लेकर सरकार भी गंभीर है।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पूछे गए सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि 2009 से 2013 के दौरान सेना में 498 जवानों ने खुदकुशी की, जबकि वायुसेना में आत्महत्या करने वालों की संख्या 83 रही। 2010 में सेना में सबसे ज्यादा 116 जवानों ने खुदकुशी की थी। इसके बाद इसमें गिरावट आई और 2013 में कुल 86 सैनिकों ने ही विभिन्न कारणों से आत्महत्या की।
जेटली ने बताया कि सरकार ने जवानों के हित में कई कदम उठाये हैं, इसमें वे उपाय हैं जिससे जवानों को मानसिक तनाव न झेलना पड़े। उपायों में जवानों के रहन-सहन में सुधार, उन्हें बेहतर मूलभूत सुविधाएं देने और छुट्टी के मामले में लचीला रुख आदि शामिल है। यह भी कोशिश की जा रही है कि जवानों की तकलीफों को दूर करने के लिए एक मैकैनिज्म विकसित हो और यूनिटों में योगा शुरू कराया जाये। जेटली के अनुसार पिछले तीन सालों में वायुसेना ने 19 लड़ाकू विमान खोये, इसमें 12 मिग शामिल हैं, मिग दुर्घटनाओं में पांच वायुसैनिकों की मौत हुई।