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पेंशन व मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने का सुझाव

जाने माने अर्थशास्ति्रयों ने सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ आम बजट 2018-19 के संबंध में चर्चा के दौरान ये सुझाव दिए।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 11 Dec 2017 10:38 PM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 10:38 PM (IST)
पेंशन व मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने का सुझाव
पेंशन व मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने का सुझाव

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वृद्धावस्था और विधवा पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पेंशन की राशि बढ़ाकर 500 रुपये करने का आग्रह करते हुए देश के जाने-माने अर्थशास्ति्रयों ने मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने का सुझाव दिया है। उन्होंने उद्योग जगत को मिल रही सभी तरह की कर छूटें समाप्त कर कारपोरेट टैक्स की दर घटाकर 20 प्रतिशत करने का सुझाव भी दिया।

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जाने माने अर्थशास्ति्रयों ने सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ आम बजट 2018-19 के संबंध में चर्चा के दौरान ये सुझाव दिए। उन्होंने अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति भी वित्त मंत्री के समक्ष रखी। इस बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और नीति आयोग के सदस्य तथा प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष विवेक देबरॉय सहित कई बड़े अर्थशास्त्री शामिल हुए।

अर्थशास्ति्रयों ने कारपोरेट टैक्स की दर में कटौती के साथ-साथ कर सुधार के लिए भी आम बजट में घोषणा करने का सुझाव वित्त मंत्री को दिया। साथ ही जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने और इसका क्रियान्वयन सुचारु सुनिश्चित करने और छोटे व मझोले उद्योगों के लिए प्रोत्साहन देने के लिए आगामी आम बजट में एक रोडमैप भी रखने का आग्रह उन्होंने वित्त मंत्री से किया।

फिलहाल कारपोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत है। वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट भाषण में इसका ऐलान कर चुके हैं। हालांकि सरकार ने इस दिशा में अभी कोई ठोस कदम आगे नहीं बढ़ाया है। अर्थशास्ति्रयों ने राजकोषीय घाटे की पूर्ति के लिए सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के जरिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने का सुझाव भी दिया।

सामाजिक मोर्चे पर अर्थशास्ति्रयों ने वृद्धावस्था पेंशन की राशि 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये और विधवा पेंशन की राशि 300 से बढ़ाकर 500 रुपये करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने पेंशन और ढांचागत क्षेत्र की फंडिंग के लिए न्यू इंडिया बान्ड भी जारी करने आग्रह किया। साथ उन्होंने मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की जरूरत पर भी बल दिया।

अर्थशास्ति्रयों का यह सुझाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल में एक सरकारी रिपोर्ट में भी बताया गया है कि मनरेगा का चौतरफा फायदा हुआ है। इससे न सिर्फ गरीबों की आमदनी बढ़ी है बल्कि इससे प्रदूषण में कमी आयी है और जल-स्तर बढ़ा है। अर्थशास्ति्रयों ने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरी की दर बढ़ाकर न्यूनतम मजदूरी की दर या बाजार में प्रचलित दरों के मुकाबले की जानी चाहिए। उन्होंने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ग्रामीण इलाकों में गैर-कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।

दूरसंचार सेवाओं पर जीएसटी घटाकर 12 प्रतिशत करने की मांग 

कई देशों की संरक्षणवादी नीतियों से आइटी सेक्टर को हो रहे नुकसान की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रतिनिधियों ने आगामी आम बजट में दूर संचार सेवाओं पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने की मांग की है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए भी जरूरी उपाय करने का सुझाव दिया है।

आइटी सेक्टर के प्रतिनिधियों ने सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ यह मुद्दा उठाया। इस बैठक में नासकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर और टीसीएस की वाइस प्रेसिडेंट ग्लोबल टैक्स के रेणु नार्वेकर मौजूद रहे। आइटी सेक्टर के प्रतिनिधियों ने बताया कि कई पश्चिमी देशों ने हाल के वर्षो में संरक्षणवादी नीतियां अपनायी हैं जिसके चलते उनके कारोबार पर असर पड़ा है।


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